•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


मिलेगी अतिरिक्त चीनी निर्यात की मंजूरी!
Date: 14 Mar 2012
Source: बिज़्नेस स्टॅंडर्ड
Reporter: अजय मोदी और संजीव मुखर्जी
News ID: 997
Pdf:
Nlink:
कृषि मंत्री शरद पवार उद्योग को राहत देने और गन्ना बकाये का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति चाह रहे हैं। हालांकि मिलों को पहले ही 20 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है। गन्ना भुगतान का बकाया करीब 6,000 करोड़ रुपये पहुंच चुका है।

पवार ने इस माह के शुरू में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर एथेनॉल की कीमतें जल्द से जल्द तय करने का भी आग्रह किया है। पवार ने बताया कि फिलहाल मिलों को प्रति क्विंटल चीनी की बिक्री पर लागत के मुकाबले 200 से 400 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पवार ने अपने पत्र में कहा है, `अतिरिक्त 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति मिलने से मिलों के पास नकदी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे वह गन्ने का बकाया भुगतान करने में सक्षम हो सकेंगी। निर्यात विंडो मई-जून तक ही खुली है, ऐसे में निर्यात पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए।`

उन्होंने कहा कि पिछले साल निर्यात अनुमति में देरी के चलते चीनी मिलों को करीब 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। पवार का कहना है कि 20 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति से उद्योग को बहुत फायदा नहीं होने वाला। चीनी मिलों के लिए नकदी प्रवाह बढ़ाने की जरूरत है ताकि बकाये का भुगतान हो पाए। उन्होंने कहा कि 20 लाख टन चीनी निर्यात से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि चालू सत्र में करीब 30 लाख टन अतिरिक्त चीनी के उत्पादन का अनुमान है। पवार ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि एथेनॉल की कीमत तय करने की प्रक्रिया जल्द पूरी हो, ताकि उद्योग के साथ साथ देश को भी इसका लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि पिछले 16 महीनों से चीनी उद्योग को एथेनॉल की अंतरिम कीमत के तहत 27 रुपये प्रति लीटर मिल रहे थे, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले काफी कम है। वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। ऐसे में सरकार को भी अक्षय ऊर्जा के स्रोत के तौर पर एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए।

चीनी उद्योग को हो रहे घाटे के बारे में पवार ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो बकाया भुगतान में दिक्कत आ सकती है और किसान भी गन्ना छोड़ अन्य फसलों का रुख कर सकते हैं।
 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by