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News
एथनॉल उत्पादन में ज्यादा रुचि : विश्लेषक
Date:
24 Jan 2012
Source:
Bussiness Bhasker
Reporter:
Our correpondent
News ID:
878
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Nlink:
इस साल चीनी के मूल्य में नरमी रहने के कारण चीनी उत्पादकों का रुझान आने वाले समय में चीनी के बजाय एथेनॉल में बढ़ सकती है। इससे अगले सीजन में वैश्विक स्तर पर सरप्लस चीनी की उपलब्धता घटकर आधी रह जाने की संभावना है।
विश्लेषकों के बीच कराए गए सर्वे के अनुसार वर्ष 2011-12 में वैश्विक स्तर पर चीनी का सरप्लस स्टॉक करीब 79.7 लाख टन है जबकि अगले वर्ष 2012-13 में यह स्टॉक घटकर सिर्फ 32 लाख टन रह जाएगा। करीब 17 विश्लेषकों के बीच करवाए गए सर्वे में पूछा गया था कि वर्ष 2012 में वैश्विक स्तर पर चीनी का कारोबार कैसा रहेगा।
गन्ना के शीर्ष उत्पादक देश ब्राजील का उत्पादन कम रहने के बाद भी क्या वहां चीनी की तुलना में एथेनॉल उत्पादन में ज्यादा दिलचस्पी रहेगी। विश्लेषकों से भारत के चीनी निर्यात के बारे में राय ली गई। लॉसेने स्थित कंसल्टेंसी किंग्समैन एसए के प्रबंध निदेशक जोनाथन किंग्समैन ने कहा कि विश्व स्तर पर चीनी की कीमतों में नरमी की वजह से ब्राजील के दक्षिण केंद्र में मिलों का ध्यान चीनी के बजाय एथेनॉल के उत्पादन में अधिक होगा।
विश्लेषकों के अनुसार वर्ष 2011-12 में सरप्लस चीनी का वैश्विक स्टॉक करीब 79.7 लाख टन है जबकि यह स्टॉक वर्ष 2012-13 में घटकर सर्फ 32 लाख टन रह जाएगा। अनुकूल मौसम रहने की वजह से किसान गन्ने की बुवाई के लिए प्रेरित हो रहे हैं। हालांकि यूरोप के ज्यादातर इलाकों में गन्ना की कटाई संपन्न हो चुकी है।
गन्ना के प्रमुख उत्पादक देश भारत और थाईलैंड में भी इसकी कटाई पूरी हो चुकी है। शुगरऑनलाइन के प्रबंध निदेशक बस्टर ऑक्सले ने कहा कि मैं ब्राजील में गन्ना के नुकसान की क्षतिपूर्ति की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करता हूं। यह तय है कि मौसम की प्रतिकूलता की वजह से गन्ना के उत्पादन में कमी आएगी।
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