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चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र को पीछे छोड़ यूपी नंबर वन
Date: 25 Apr 2017
Source: Economic Times
Reporter: जयश्री भोसले
News ID: 8598
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उत्तर प्रदेश में इस साल रिकॉर्ड शुगर प्रॉडक्शन हुआ है। इसके साथ ही राज्य देश में शुगर उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर की अपनी पारंपरिक पोजिशन से ऊपर उठकर पहले नंबर पर आ गया है। देश में सबसे ज्यादा शुगर उत्पादन में महाराष्ट्र पहले नंबर पर अब तक रहता था, लेकिन सूखे के चलते महाराष्ट्र इस बार दूसरे नंबर पर आ गया है।

उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी, दीपक गुप्तरा ने कहा, '21 अप्रैल को 86 लाख टन के साथ हमने राज्य में अब का तक सबसे ज्यादा शुगर प्रॉडक्शन किया है।' यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन में राज्य की कुल 91 प्राइवेट शुगर मिलों में से 65 का प्रतिनिधित्व करता है।

39 शुगर मिलों में अभी भी कामकाज चलने से माना जा रहा है कि शुगर प्रॉडक्शन का आंकड़ा और ऊपर जा सकता है। हालांकि, यह बढ़ोतरी मामूली होगी क्योंकि गन्ने की आवक घट गई है। यूपी में कुल 116 शुगर मिलें हैं जिनमें से 24 सहकारी सेक्टर की हैं, जबकि एक को शुगर को-ऑपरेशन चलाती है।

पिछले साल के मुकाबले यूपी में शुगर का प्रॉडक्शन 26 फीसदी बढ़ा है, जबकि पारंपरिक रूप से देश के सबसे बड़े प्रॉड्यूसर महाराष्ट्र में शुगर प्रॉडक्शन इस बार घटकर आधे से भी कम रह गया है।

दीपक ने भविष्य में भी राज्य में ऊंचे शुगर प्रॉडक्शन का भरोसा जताते हुए कहा, 'यूपी में रिकॉर्ड प्रॉडक्शन सरकार के समर्थन से इंडस्ट्री के चलाए गए गन्ना विकास कार्यक्रम की वजह से मुमकिन हो पाया है। यील्ड और रिकवरी दोनों में बढ़ोतरी हुई है। खासतौर पर सीओ0238 वैरायटी के आने से प्रॉडक्शन बढ़ा है।'

यूपी केन डिवेलपमेंट कमिश्नर्स ऑफिस की ओर से मिले आंकड़ों के मुताबिक, राज्य का शुगरकेन रिकवरी रेशियो 2006-07 में 9.47 फीसदी था जो कि 2016-17 में बढ़कर 10.60 फीसदी हो गया है।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने सितंबर 2016 में रिलीज किए अपने पहले एडवांस एस्टिमेट में अनुमान लगाया था कि यूपी की शुगर मिलें 76.60 लाख टन शुगर प्रॉडक्शन करेंगी, जो कि अभी तक हुए वास्तविक उत्पादन से 12.25 फीसदी कम है। एसोसिएशन ने पिछले महीने अपने अनुमान को संशोधित करते हुए राज्य में 85 लाख टन शुगर प्रॉडक्शन रहने की उम्मीद जाहिर की थी।

यूपी में ज्यादा शुगर प्रॉडक्शन से न सिर्फ साउथ इंडिया में शुगर प्रॉडक्शन में गिरावट की भरपाई करने में मदद मिली है, बल्कि इससे शुगर मिलों को प्रॉफिटेबल बने रहने में भी मदद मिल रही है। साथ ही इससे पिछले साल के मुकाबले गन्ना पेमेंट का बकाया भी घटाने में मदद मिल रही है। हालिया रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी इकरा ने संकेत दिया है कि मौजूदा शुगर सीजन की दूसरी छमाही में लगातार मजबूत रियलाइजेशन, ज्यादा गन्ना पेराई वॉल्यूम और ऊंची रिकवरी दर से उत्तर प्रदेश की शुगर मिलों की प्रॉफिटेबिलिटी को सपोर्ट मिलेगा। इन मिलों को गन्ने के दाम में 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा होने के बावजूद फायदा रहेगा।              

 
  

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