दक्षिण पश्चिम मॉनसून इस वर्ष ‘सामान्य’ रहेगा और पूरे देश में अच्छी बारिश की संभावना है. मौसम विज्ञानियों ने कहा कि यह खबर सूखा क्षेत्र के किसानों के लिए राहत भरी है.
अल नीनो अगस्त-सितम्बर में होने की संभावना है लेकिन इसका मॉनसून पर ज्यादा असर होने के आसार नहीं हैं और मौसम विज्ञानियों का मानना है कि इंडियन ओसियन डाईपोल (आईओडी) का सकारात्मक असर रहेगा जिसका देश में बारिश की संभावना पर काफी असर होता है.
मजबूत अल नीनो से समुद्र का तापमान काफी बढ़ जाता है और इसका समुद्री और जलीय जीवन, कृषि और जल आपूर्ति की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ता है.
रमेश ने कहा, ‘देश में 96 फीसदी दीर्घावधि औसत बारिश होगी.’ 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच दीर्घावधि बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है.
96 फीसदी से कम को ‘सामान्य से नीचे’ और 104 से 110 फीसदी दीर्घावधि बारिश को ‘सामान्य से ज्यादा’ माना जाता है.
आईएमडी ने पिछले वर्ष ‘सामान्य से ज्यादा’ बारिश का अनुमान जताया था, लेकिन सामान्य बारिश ही हो सकी.
पिछले वर्ष दक्षिण प्रायद्वीप में कम बारिश हुई थी और तमिलनाडु, कर्नाटक तथा केरल के कई हिस्से में सूखे की स्थिति बन गई थी.