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एथेनॉल मिश्रण की राह में आपूर्ति का रोड़ा
Date: 17 Apr 2017
Source: Business Standard
Reporter: Dilip Kumar Jha
News ID: 8570
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पिछले साल 5 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करने के बाद एथेनॉल मिश्रण उद्योग को गन्ना उत्पादन में कमी और सरकार से उत्पादन शुल्क रियायत वापस लिए जाने की वजह से चीनी मिलों से आपूर्ति की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। 10 फीसदी का अनिवार्य लक्ष्य हासिल करने के लिए तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने दिसंबर 2016 और नवंबर 2017 के बीच अपने डिपो पर 280 करोड़ लीटर एथेनॉल की खरीदारी के लिए 22 अक्टूबर 2016 को अपनी पहली निविदा जारी की थी। इस निविदा के जवाब में हालांकि चीनी मिलों ने 78 करोड़ लीटर की पेशकश की थी जो निविदा के तहत मांगी जाने वाली कुल मात्रा का लगभग 28 प्रतिशत है।
 
इस उद्योग के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'तीन प्रमुख कारकों ने चीनी मिलों को ओएमसी की एथेनॉल खरीद निविदाओं के प्रति धीमी प्रतिक्रिया के लिए प्रोत्साहित किया। पहला, गन्ना उत्पादन पूरे देश में पिछले साल की तुलना में इस सीजन में 20-25 फीसदी कम रहा और उत्पादन में बड़ी गिरावट पश्चिमी और दक्षिण भारतीय राज्यों में दर्ज की गई है। इस वजह से पेराई में कमी आई और इससे एथेनॉल उत्पादन भी प्रभावित हुआ। दूसरा, गन्ने की कम पेराई से शीरे की कीमतों को मदद मिली। शीरा एथेनॉल के लिए कच्चा माल है। शीरे की कीमतें इस साल दोगुनी हो गईं जिससे चीनी मिलों को 15-16 फीसदी की कन्वर्जन लागत के बाद एथेनॉल की बिक्री करने के बजाय शीरा बेचना फायदेमंद लगा। तीसरा, सरकार ने 4-5 रुपये प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क रियायत वापस ले ली। इन सभी कारकों का चीनी मिलों पर एथेनॉल आपूर्ति के संदर्भ में विपरीत प्रभाव पड़ा।'
 
इस बीच, तीन ओएमसी - बीपीसीएल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की ओर से भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) इस पर्यावरण अनुकूल ईंधन की 127 करोड़ लीटर खरीदारी के लिए पूरक निविदा जारी की। उद्योग सूत्रों का कहना है कि किसी भी चीनी मिल ने एथेनॉल की आपूर्ति में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। बीपीसीएल के एक अधिकारी (एथेनॉल खरीद के प्रभारी) से हालांकि इस बारे में प्रतिक्रिया नहीं हासिल की जा सकी है। पिछले साल चीनी मिलों ने 130 करोड़ लीटर एथेनॉल आपूर्ति के लिए अनुबंध किया था जिसमें वास्तविक उठाव 111 करोड़ लीटर दर्ज किया गया था। हालांकि ओएमसी ने चीनी मिलों से 226 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की मांग की थी। 
 
एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम 22 नवंबर को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा पेट्रोल के साथ 5 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण की अनुमति दिए जाने के बाद शुरुआत हुई थी। इस मिश्रण अनिवार्यता को केंद्र द्वारा 2 जनवरी 2013 को मोटर स्पिरिट्ïस ऐक्ट के तहत मंजूरी प्रदान की गई थी। इस ऐक्ट के तहत तेल विपणन कंपनियों को 30 जून 2013 तक पेट्रोल में पांच प्रतिशत एथेनॉल का मिश्रण करना था। इसके क्रियान्वयन की तारीख से एक साल के बाद मुख्य योजना 10 प्रतिशत अनिवार्य मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने की थी। हालांकि इस लक्ष्य को कभी हासिल नहीं किया जा सका। 
 
एथेनॉल के बारे में परामर्श मुहैया कराने वाली देश की प्रमुख फर्म एथेनॉलइंडिया डॉटकॉम के कंसल्टेंट दीपक देसाई ने कहा, 'चीनी कंपनियों द्वारा एथेनॉल का निर्माण मौजूदा समय में आकर्षक नहीं रह गया है और उन्हें इसमें नुकसान उठाना पड़ रहा है। यदि शीरे की कीमतों में गिरावट आती है तो इस परिदृश्य में बदलाव आएगा। शीरे की कीमतों में अगले साल गिरावट आने की उम्मीद है।'
 
  

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