गन्ने की खेती में लगने वाले पानी की मात्रा पर गौर कीजिए। गन्ने की एक टन वजन वाली फसल को तैयार करने में करीब 250 टन पानी लगता है। दूसरे नजरिये से देखें तो 12 महीने से 18 महीने में तैयार होने वाली इस फसल में 180 से लेकर 250 सेंटीमीटर पानी की दरकार होती है। यह भारत में चार महीनों के मॉनसून सत्र में होने वाली औसतन 89 सेंटीमीटर बारिश के दोगुने से भी अधिक है। यह साल भर में होने वाली 120 सेंटीमीटर बारिश से भी काफी अधिक है।
गन्ने के खेत को उत्तर भारत के उपोष्ण कटिबंधीय इलाकों में पांच से सात बार सिंचाई की जरूरत होती है जबकि दक्षिण भारत की उष्ण कटिबंधीय जलवायु में 30 से 40 बार सिंचाई करनी पड़ती है। हालांकि अधिकतर किसान अपने खेतों की तय सीमा से अधिक बार सिंचाई करना पसंद करते हैं। देश भर में गन्ने की 95 फीसदी से भी अधिक खेती सिंचाई वाली भूमि में होती है।