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किसानों की जेब में हर रोज सौ करोड़
Date: 09 Jan 2012
Source: Amar Ujala
Reporter: Rajendra Singh
News ID: 830
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सियासी सीजन में समय से हो रहा गन्ना मूल्य भुगतान

लखनऊ। सर्द मौसम में सियासी तपिश गन्ना किसानों को राहत दे रही है। किसानों को समय से गन्ना मूल्य भुगतान मिल रहा है। हर रोज किसानों के खातों में सौ करोड़ रुपये पहुंच रहे हैं। चालू पेराई सत्र में अब तक किसानों को गन्ना मूल्य के रूप में साढ़े चार हजार करोड़ रुपये मिल चुके हैं।

पिछले पेराई सत्र से तुलना करें तो चार जनवरी तक किसानों को पिछले साल के मुकाबले 1285.52 करोड़ रुपये ज्यादा भुगतान मिला है। सहकारी क्षेत्र की मिलें भुगतान में पिछड़ी हुई हैं। प्रदेश में कोआपरेटिव सेक्टर की 23 मिलों में पेराई चल रही है। इनमें रमाला (बागपत) मिल 141 फीसदी और नजीबाबाद (बिजनौर) मिल 109 फीसदी भुगतान करके अव्वल हैं। इस क्षेत्र की साथा (अलीगढ़), बीसलपुर एवं पूरनपुर (पीलीभीत), बदायूं मिलों ने केवल 25 से 35 फीसदी भुगतान दिया है। बलिया जिले की रसड़ा मिल ने अभी तक एक भी पैसा नहीं दिया है। निजी क्षेत्र की 99 मिलों में पेराई चल रही है। इनमें नवाजगंज (बरेली), मोदीनगर (गाजियाबाद), बिलारी (मुरादाबाद) गोपी (अलीगढ़), बधौली (हरदोई) ही भुगतान में पिछड़ी हुई है।

प्रदेश के 40 जिलों में गन्ना मुख्य नकदी फसल है। हर साल किसान लगभग 20 हजार करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना उत्पादन करते हैं। लगभग 13 हजार करोड़ रुपये तो सहकारी और निजी चीनी मिलों को जाता है। पिछले सालों में गन्ना आपूर्ति करने के बाद किसान भुगतान का इंतजार करते थे। इस बार गन्ने पर भी चुनावी रंग चढ़ा हुआ है। पहले बेहतर रेट तय हुआ और अब समय से भुगतान मिल रहा है। चार जनवरी तक प्रदेश के निजी चीनी मिलों ने 5948.75 करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना खरीदा। 14 दिन के भीतर भुगतान की व्यवस्था के अनुसार चीनी मिलों पर 4185 करोड़ रुपये की देनदारी बनी। इसमें 4185 करोड़ का भुगतान कर दिया गया। यह राशि 98 फीसदी है।

सहकारी मिलों ने 392.46 करोड़ की देनदारी के विपरीत 288.39 करोड़ रुपये (73.48 फीसदी) गन्ना मूल्य अदा किया। कुल मिलाकर चार जनवरी तक कुल देय 4578 करोड़ रुपये के सापेक्ष 4389.64 करोड़ रुपया अदा कर दिया गया है। यह लगभग 96 प्रतिशत बैठता है।

 
  

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