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तेल कंपनियों को एथनॉल की सप्लाई आज से शुरू
Date: 15 Dec 2011
Source: बिजनेस भास्कर
Reporter: बिजनेस भास्कर Bureau
News ID: 768
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योजना - चीनी मिलें नए सीजन में 60 करोड़ लीटर सप्लाई करेंगी

नुकसान:- सरकार द्वारा एथनॉल की कीमतों पर फैसला लेने में देरी होने की वजह से चीनी मिलों को एथनॉल की सप्लाई पिछले साल तय किए गए अंतरिम मूल्य 27 रुपये प्रति लीटर के आधार पर ही करनी होगी। चीनी कपंनियों को 7 रुपये प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है।

चीनी मिलें गुरुवार से पेट्रोलियम कंपनियों को एथनॉल की सप्लाई शुरू करेंगी। चालू पेराई सीजन वर्ष 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए चीनी उद्योग पेट्रोलियम कंपनियों को 60 करोड़ लीटर एथनॉल की सप्लाई करेगा। हालांकि सरकार द्वारा एथनॉल की कीमतों पर फैसला लेने में देरी करने की वजह से चीनी मिलों को एथनॉल की सप्लाई पिछले साल तय किए गए अंतरिम मूल्य 27 रुपये प्रति लीटर के आधार पर ही करनी होगी। जाहिर सी बात है कि इसका नुकसान चीनी मिलों को उठाना पड़ेगा।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सरकार एथनॉल की कीमतों पर फैसला लेने में देरी कर रही है जिससे चीनी मिलों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार द्वारा गठित सौमित्र चौधरी समिति ने एथनॉल की कीमत पेट्रोल की कीमतों से लिंक करके तय करने की सिफारिश की है।

शीरा और अन्य उत्पाद रेक्टीफाइड स्प्रिट, एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल की कीमत इस समय 35 रुपये प्रति लीटर है। जबकि चीनी मिलों को पेट्रोलियम कंपनियों को एथनॉल की सप्लाई सौमित्र चौधरी समिति द्वारा तय की गई की अंतरिम कीमत 27 रुपये प्रति लीटर के आधार पर करनी है। ऐसे में चीनी कपंनियों को 7 रुपये प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है।

जबकि निर्यातक एथनॉल की खरीद 38 रुपये प्रति लीटर की दर से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सौमित्र चौधरी समिति द्वारा तय किए गए फार्मूले के आधार पर पेट्रोलियम कंपनियों के डिपो में पेट्रोल के दाम 50.36 रुपये प्रति लीटर की तुलना में इस समय एथनॉल का भाव 41.28 रुपये प्रति लीटर (टैक्स, परिवहन और अन्य खर्च मिलाकर) होना चाहिए।

ऐसे में चालू पेराई सीजन के लिए हुए 60 करोड़ लीटर के एथनॉल अनुबंध से कंपनियों को करीब 1,200 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने पेट्रोल में मिश्रण के लिए 5 फीसदी एथनॉल अनिवार्य कर रखा है लेकिन इसका पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है। देश के 13 राज्यों में एथनॉल मिश्रण का कार्यक्रम चल तो रहा है लेकिन इनमें से सात राज्यों तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, झारखंड और राजस्थान में इस कार्यक्रम को शुरू नहीं किया जा सका है।

ऐसे में इन राज्यों की मांग हटा देने के बाद कुल 74.5 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता होगी। जबकि पहली अक्टूबर से शुरू हुए गन्ना पेराई सीजन में चीनी उद्योग पेट्रोलियम कंपनियों से 60 करोड़ लीटर एथनॉल की सप्लाई कर चुका है। पेट्रोल में 5 फीसदी के अनिवार्य मिश्रण के आधार पर उद्योग एथनॉल की पूर्ति करने में पूरी तरह से सक्षम है।

पेराई सीजन वर्ष 2011-12 में चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन होने का अनुमान है। ऐसे में शीरा का उत्पादन भी बढ़कर 125-130 लाख टन होने की संभावना है। पेराई सीजन 2010-11 में देश में चीनी का उत्पादन 243 लाख टन का हुआ था तथा शीरा का उत्पादन 108 लाख टन का हुआ था।
 
  

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