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जूट के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी को मंज़ूरी
Date: 13 Apr 2017
Source: Business Standard
Reporter: बीएस संवाददाता
News ID: 7567
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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने किसानों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए 2017-18 सत्र के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी प्रदान कर दी। समिति ने जूट के लिए एमएसपी बढ़ाकर 3,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 9.4 प्रतिशत की वृद्घि है। वर्ष 2015-16 से जूट के एमएसपी को 29.6 प्रतिशत तक बढ़ाकर 2,700 रुपये से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल किया जा चुका है। 
एमएसपी में वृद्घि हालांकि उन जूट मालिकों के लिए मददगार नहीं है जिनके लिए जूट उत्पादन की लागत तेजी से बढ़ी है और बड़ी तादाद में उत्पादक जूट की फसल से परहेज कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके लिए अब लाभदायक नहीं रह गई है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, 'पिछले सीजन में पश्चिम बंगाल में जूट की उत्पादन लागत (टीडी-5 किस्म के लिए) 3,650 रुपये क्विंटल थी। इस सीजन में इसमें तेजी आने की उम्मीद है। यदि एमएसपी बढ़ाकर कम से कम 4,000 रुपये प्रति क्विंटल किया जाता तो किसानों को लाभ मिलता।' 2016-17 के सीजन में लगभग 50 प्रतिशत जूट फसल घटिया ग्रेड की थी। इससे किसानों को अपनी उपज एमएसपी से नीचे बेचने को बाध्य होना पड़ा था। एमएसपी बढऩे से जूट उद्योग को लाभ होने की उम्मीद है। जूट उद्योग लगभग 40 लाख किसान परिवारों को आजीविका मुहैया कराता है और संगठित मिलों और इनसे संबंधित गतिविधियों में 370,000 श्रमिकों को परोक्ष तौर पर रोजगार प्रदान करता है।

 
  

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