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News
आंकड़ों की चक्की में पिस रही चीनी
Date:
16 Mar 2017
Source:
Business Standard
Reporter:
Sushil Mishr
News ID:
6489
Pdf:
Nlink:
देश में चीनी उत्पादन के अनुमान की आंकड़ेबाजी पूरे बाजार को प्रभावित कर रही है। चीनी मिलों के संगठन इस्मा द्वारा उत्पादन का अनुमान घटाये जाने और आयात शुल्क में कटौती की अटकल लगाए जाने से शेयर बाजार में चीनी शेयरों में मिठास बढ़ती जा रही थी। सरकार ने चीनी पर आयात शुल्क घटने की अटकलबाजियों पर विराम लगाया तो शेयर बाजार में चीनी के शेयर भी धड़ाम हो गए। सरकार के दो टूक जवाब और सख्ती के संकेत से कारोबारी भी सकते में आ गए।
इस्मा के ताजा अनुमान में चीनी उत्पादन घटाकर 203 लाख टन कर दिया गया था जो पिछले सात साल का न्यूनतम उत्पादन था। इसके बाद शेयर बाजार में चीनी कंपनियों के शेयर तेजी से बढऩे लगे थे लेकिन सरकार की तरफ से आए बयान ने इनकी तेजी को रोक दिया। खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री राम विलास पासवान ने चीनी पर आयात शुल्क घटने को लेकर लगाई जा रही सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। पासवान ने कहा कि देश में चीनी पर्याप्त स्टॉक है, ऐसे में चीनी के आयात पर लगने वाले शुल्क को फिलहाल घटाने की जरूरत नहीं है। पासवान के मुताबिक सरकार ने इस साल देश में 225 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है और पिछले साल का करीब 77.5 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा हुआ है। इस लिहाज से कुल स्टॉक 290-300 लाख टन है जबकि देश में सालान खपत 240-250 लाख टन की है। उन्होने इस्मा द्वारा बार-बार अनुमान घटाए जाने की निंदा भी की।
सरकारी बयान के बाद शेयर बाजार में चीनी कंपनियों के शेयरों की मिठास कम होना शुरू हो गई। बीएसई में लगभग सभी चीनी कंपनियों के शेयर लुढ़क गए। इम्पी शुगर के शेयर 6.25 फीसदी, गायत्री शुगर 5.47 फीसदी, एपीईसी शुगर 5.04 फीसदी, गिरधारीलाल शुगर 4.85 फीसदी, धरणी शुगर 3.62 फीसदी और अवध शुगर मिल्स 3.08 फीसदी गिर गए। चीनी कंपनियों के शेयर गिरने की वजह आयात शुल्क में कटौती करने से सरकार के स्पष्ट इनकार को माना जा रहा है। चीनी की बढ़ती कीमतों को देखकर बाजार पंडितों का अनुमान था कि विधानसभा चुनाव के बाद चीनी के आयात शुल्क में कटौती की जाएगी। इस समय चीनी आयात पर 40 फीसदी शुल्क लगता है। माना जा रहा था कि सरकार इसे खत्म या कम कर सकती है।
सरकार के बयान का असर चीनी के थोक बाजार और वायदा बाजार में भी देखने को मिला। सीमित सौदों के बीच एक निश्चित दायरे में घट बढ़ के बाद थोक चीनी बाजार में आज स्थिरता का रुख दिखाई दिया और चीनी कीमतें लगभग पूर्वस्तर पर ही बंद हुई। छिटपुट मांग के मुकाबले पर्याप्त स्टॉक होने के कारण मुख्यत: कीमतें अपरिवर्तित रहीं। हाजिर बाजार में चीनी के दाम हल्की गिरावट के साथ 4,131 रुपये प्रति क्ंिवटल पर बंद हुए। सरकार ने इस्मा के आंकड़ों पर सवाल खड़ा करके संगठन की नीयत पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं। कारोबारियों का कहना है कि उन्हें उत्पादन के बारे में पता नहीं है लेकिन सरकार और संगठन के बीच आंकड़ों के वार का असर बाजार पर पड़ रहा है। इससे नुकसान कारोबारियों का हो सकता है।
पिछले छह महीनों में इस्मा ने तीन बार चीनी उत्पादन का अनुमान कम किया है। ताजा अनुमान में इस्मा ने चीनी उत्पादन घटाकर 203 लाख टन कर दिया है। इससे पहले 25 जनवरी को जारी रिपोर्ट में इस्मा ने चालू सत्र में चीनी उत्पादन 213 लाख टन रहने का अनुमान व्यक्त किया था। जबकि सितंबर 2016 में 234 लाख टन होने का अनुमान जताया गया था।
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