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ISMA ने शुगर उत्पादन का अनुमान तीसरी बार घटाया
Date: 08 Mar 2017
Source: The Economic Times
Reporter: PTI
News ID: 6460
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इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2016-17 के लिए शुगर प्रॉडक्शन का फोरकास्ट इस मार्केटिंग ईयर में तीसरी बार घटा दिया है। इस्मा ने शुगर प्रॉडक्शन कम रहने के पीछे महाराष्ट्र जैसे सूखा प्रभावित राज्यों में गन्ने की कम सप्लाई को वजह बताया है। 2016-17 मार्केटिंग ईयर (अक्टूबर से सितंबर) के पहले पांच महीनों के दौरान मिलों ने 1.624 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया है। इस्मा के रिवाइज्ड आउटलुक में इस पूरे साल 2.03 करोड़ टन चीनी का उत्पादन रहने की बात कही गई है।

यह 2.13 करोड़ टन शुगर प्रॉडक्शन के इसके पिछले प्रोजेक्शन से कम है। इस्मा ने अपना पिछला शुगर आउटपुट प्रोजेक्शन दो महीने पहले दिया था जबकि इससे पहले सितंबर 2016 में इस्मा ने देश में 2.34 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अंदाजा लगाया था।

2015-16 में मिलों ने 2.51 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया था। इंडस्ट्री संगठन ने कहा है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सूखे की वजह से गन्ने की यील्ड में तेज गिरावट आई है, इसे देखते हुए शुगर प्रॉडक्शन आउटलुक में कटौती करनी पड़ी है।

एक बयान में इस्मा ने कहा, 'महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जनवरी और फरवरी में गन्ने की यील्ड बेहद कम रही है। इस पर सूखे का बुरा असर पड़ा है। इन राज्यों में गन्ना उत्पादन उम्मीद से काफी कम रहने की आशंका है।'

कुछ इलाकों में यील्ड एक साल पहले के मुकाबले 40 से 50 फीसदी कम रही है। इसके अलावा, खासतौर पर महाराष्ट्र में बढ़े हुए रकबे में ज्यादा बीज की जरूरत के चलते भी इस साल गन्ने की उपलब्धता कम रही है।

इस्मा के मुताबिक, देश के सबसे बड़े शुगर प्रोड्यूसिंग राज्य महाराष्ट्र में आउटपुट को 2016-17 के लिए 42 लाख टन पर आंका गया है, जो पिछले साल के 70 लाख टन के उत्पादन से काफी कम है। महाराष्ट्र में इस साल अब तक 41.1 लाख टन शुगर का उत्पादन हुआ है और ज्यादातर मिलों ने अपना कामकाज अब बंद कर दिया है।

इसी तरह से कर्नाटक में शुगर प्रॉडक्शन के 21.2 लाख टन रहने की उम्मीद है। इस साल अब तक प्रॉडक्शन 20.5 लाख टन पर पहुंच चुका है, और जुलाई से शुरू होने वाले स्पेशल क्रशिंग पीरिडयड के दौरान कुछ उत्पादन और हो सकता है।

हालांकि, इस साल उत्तर प्रदेश में गन्ने की सप्लाई और शुगर रिकवरी पिछले साल के मुकाबले बेहतर है।              

 
  

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