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PDS के तहत जारी रह सकती है चीनी पर सब्सिडी
Date: 15 Feb 2017
Source: The Economic Times
Reporter: Madhvi Sally
News ID: 6402
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फूड मिनिस्ट्री ने पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के तहत 4,500 करोड़ रुपये की शुगर सब्सिडी को जारी रखने के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री को पत्र लिखा है। यह सब्सिडी 2017-18 के बजट में समाप्त कर दी गई थी।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'हमने फाइनेंस मिनिस्ट्री को पत्र लिखा है और जवाब का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सप्लीमेंटरी ग्रांट में फंड दिया जाएगा।'

सरकारी सब्सिडी को संतुलित बनाने के लिए केंद्र की ओर से गठित एक्सपेंडिचर मैनेजमेंट कमीशन ने भोजन की जरूरत के तौर पर चीनी पर सब्सिडी को जरूरी नहीं माना था। गरीबी रेखा से नीचे (‌BPL) के 40 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 27 लाख टन से अधिक चीनी 13.50 रुपये प्रति किलोग्राम के सब्सिडाइज्ड रेट पर दी जा रही है। प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 500 ग्राम चीनी मिलती है।

हालांकि, 2017-18 के बजट में सरकार ने PDS के तहत शुगर सब्सिडी स्कीम के बकाया दावों को निपटाने के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

PDS के तहत 13.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर चीनी उपलब्ध कराने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को इसे ओपन मार्केट से खरीदना होता है। केंद्र सरकार 18.50 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चीनी की कीमत की भरपाई करती है।

देश में चीनी के उत्पादन की समीक्षा के लिए एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री की ओर से 2016-17 के लिए जारी होने वाले फसलों के उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान का भी इंतजार किया जा रहा है। राज्य जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के बाद चीनी के उत्पादन के अनुमान पर अपनी रिपोर्ट देंगे।

फूड मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया, 'देश में चीनी का पर्याप्त स्टॉक है और हम इसे लेकर चिंतित नहीं हैं। हालांकि, चीनी के उत्पादन के आंकड़ों की अभी समीक्षा की जा रही है।'

ब्राजील के बाद भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। देश में 2016-17 में चीनी का उत्पादन 2.25 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इसके अलावा 77.1 लाख टन का पिछला स्टॉक भी मौजूद है। सरकारको उम्मीद है कि इससे मौजूदा वर्ष के लिए चीनी की 2.45-2.5 करोड़ टन की डिमांड को पूरा करने में मुश्किल नहीं होगी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2016-17 सीजन के लिए चीनी के उत्पादन का अनुमान 9 पर्सेंट घटाकर 2.13 करोड़ टन कर दिया है।

इस्मा का मानना है कि सरकार के राज्य सरकारों को PDS के तहत चीनी पर सब्सिडी न देने से PDS के लिए चीनी की बिक्री में कमी आ सकती है। इस्मा ने बताया कि कुछ राज्य राशन की दुकानों के जरिए वितरण के लिए बफर स्टॉक भी रखते हैं और अब वे यह स्टॉक रखने से बच सकते हैं।

 
 
  

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