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सब्सिडी बंद, घटेगी राज्यों की खरीद
Date: 03 Feb 2017
Source: The Business Standard
Reporter: बीएस संवाददाता
News ID: 6375
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केंद्र सरकार ने राज्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की खातिर चीनी की खरीद के लिए सब्सिडी नहीं मुहैया कराने का फैसला किया है। यह सब्सिडी सालाना करीब 4,500 करोड़ रुपये थी। इस साल सब्सिडी 200 करोड़ रुपये तक सीमित रहने के आसार हैं, जिससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली और राशन की दुकानों के लिए चीनी की खरीद कम होने की संभावना है। 
 
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने एक नोट में कहा कि कल पेश किए गए केंद्रीय बजट में सब्सिडी को वापस लिए जाने से राशन की दुकानों के जरिये वितरण के लिए बफर तैयार करने वाले राज्यों के भविष्य में ऐसा नहीं करने के आसार हैं। इससे चीनी की बिक्री घटेगी। इस्मा के मुताबिक चीनी की खपत में गिरावट से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद खपत में दिखा गिरावट का रुझान जनवरी में भी बरकरार रहा। पिछले साल जनवरी 2016 में चीनी मिलों से करीब 25 लाख टन चीनी उठी, जबकि जनवरी 2017 में उठाव काफी कम रहा है। 
 
अधिकारियों ने कहा कि घटती खपत और सब्सिडी वापस लिए जाने से पीडीएस के लिए कम खरीद के आसार की वजह से घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता सुधरेगी और इसलिए चीनी के आयात में तुरंत रियायत देने की कोई जरूरत नहीं है। देशभर में चीनी मिलों ने 31 जनवरी 2017 तक 128.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि में 142.8 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। 
 
इस चीनी सीजन में अभी करीब 334 चीनी मिलें चालू हैं, जबकि पिछले साल जनवरी के अंत में 494 चीनी मिलें चल रही थीं। इस्मा द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र के उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट आई है, जिससे वह शीर्ष चीनी उत्पादक राज्यों की सूची में नीचे खिसक गया है। उत्तर प्रदेश कई वर्षों के बाद फिर से सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य बन गया है। 
 
उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों ने इस साल 31 जनवरी तक 45.59 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो पिछले साल इस समय तक राज्य में हुए उत्पादन 35.94 लाख टन से करीब 10 लाख टन अधिक है। रिपोर्टों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की मिलें इस सीजन में 39 से 40 लाख टन चीनी और उत्पादित कर सकती हैं। चीनी सीजन 2006-07 में उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 31 जनवरी 2007 तक करीब 38 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था और शेष पेराई सीजन में करीब 47 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जिससे उस साल कुल चीनी उत्पादन 85 लाख टन पर पहुंच गया था। उत्तर प्रदेश में चीनी सीजन 2016-17 में गन्ने का रकबा 2006-07 जितना ही है, लेकिन ज्यादा पैदावार और ज्यादा चीनी की मात्रा वाली गन्ने की किस्मों का रकबा ज्यादा है। 
 
महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने अब तक 36.76 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में उन्होंने 54.17 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। राज्य में इस समय 58 चीनी मिलें गन्ने की पेराई कर रही हैं। यह पेराई मुख्य रूप से महाराष्ट्र के दक्षिणी हिस्से कोल्हापुर, सांगली और सातारा जिलों में हो रही है। इस्मा ने चालू सीजन में कुल चीनी उत्पादन का अनुमान घटाकर 213 लाख टन कर दिया है। 
 
  

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