केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष से राज्यों को राशन की दुकानों पर बिकने वाली चीनी के लिए 18.50 रुपये प्रति किलो सब्सिडी नहीं देगी। बजट में इस मद में सिर्फ 200 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इस रकम से मौजूदा वित्त वर्ष में देय सब्सिडी के दावों की निपटारा किया जाएगा।
बजट में सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में चीनी सब्सिडी के लिए आवंटन सिर्फ 200 करोड़ रुपये है। जबकि पिछले बजट में इस मद में 4500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। मौजूदा स्कीम के अनुसार पीडीएस के जरिये चीनी सप्लाई करने के लिए राज्यों को इसकी खरीद खुले बाजारों से करनी होती है। राज्य यह चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो के भाव पर गरीबी रेखा से नीचे के उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराती है। केंद्र सरकार राज्यों को इसके लिए 18.50 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी देती है। पूरे देश में स्कीम के तहत 27 लाख परिवारों को सस्ती चीनी मिलती है।
केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों के अनुरूप चीनी सब्सिडी बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद राज्यों को सस्ती चीनी सुलभ कराने के लिए समूचा वित्तीय भार खुद ही उठाना होगा।