शुगर कंपनियों के शेयरों के लिए मंगलवार का दिन बहुत मीठा रहा। आठ शुगर कंपनियों के शेयर औसत से ज्यादा वॉल्यूम के साथ 52 वीक हाई पर पहुंच गए। दरअसल, यह खबर आई थी कि सरकार शायद इस सीजन में चीनी पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं घटाएगी। एनालिस्ट्स का कहना है कि चीनी की सप्लाई में उम्मीद से ज्यादा कमी हो सकती है। इससे चीनी का दाम चढ़ेगा।
सिंभावली शुगर्स का शेयर मंगलवार को 14.8 पर्सेंट उछल गया। उत्तम शुगर मिल्स और अवध शुगर मिल्स के शेयर नौ-नौ पर्सेंट मजबूत हुए। द्वारिकेश शुगर का शेयर 6.65 पर्सेंट मजबूत हुआ जबकि बलराम चीनी का शेयर 2.20 पर्सेंट चढ़ा। सेक्टर एक्सपर्ट और एके सिक्योरिटीज के डायरेक्टर अमन सोंथालिया कहते हैं, '2016-17 सीजन में चीनी की असल सप्लाई 200 लाख टन से कम रही है। यह कम प्रॉडक्शन कॉस्ट वाली कंपनियों के लिए अच्छी खबर है।'
चीनी के दाम में बढ़ोतरी होने के चलते प्रॉफिट बढ़ने की संभावना पर शुगर शेयरों का दाम पिछले एक महीने में 60 पर्सेंट से ज्यादा चढ़ चुका है। कीमतों में बढ़ोतरी की वजह सप्लाई में आई गिरावट है। इससे उत्तर प्रदेश की कई कंपनियों को फायदा हो सकता है। एनालिस्टों का कहना है कि बलरामपुर चीनी मिल्स, द्वारिकेश शुगर, धामपुर चीनी और डालमिया भारत को मौजूदा हालात का सबसे ज्यादा फायदा मिल सकता है।
एनालिस्टों का कहना है कि द्वारिकेश शुगर दूसरी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा ईपीएस हासिल कर सकती है क्योंकि कंपनी की प्रॉडक्शन कॉस्ट 5 रुपये प्रति किलो (गन्ना) कम है। कंपनी का शुगर वॉल्यूम पिछले साल जितना ऊंचा बना रह सकता है।
इंडियानिवेश सिक्योरिटीज के हेड-रिसर्च दलजीत कोहली के मुताबिक, 'कंपनी का शुगर रिकवरी रेट बहुत अच्छा है और सेक्टर की सबसे सक्षम कंपनियों में एक है। साथ ही इस पर कर्ज का बोझ काफी कम है।' उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 262.2 पर्सेंट उछल चुका द्वारिकेश का शेयर अगले महीने 15 से 20 पर्सेंट मजबूत हो सकता है। एनालिस्टों का कहना है कि धामपुर शुगर मिल्स भी सेक्टर की स्ट्रॉन्ग परफॉर्मर रहेगी।