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News
कर्ज पुनर्गठन की उम्मीद से चीनी शेयरों में तेजी
Date:
03 Jan 2017
Source:
बिज़नेस स्टैण्डर्ड
Reporter:
दिलीप कुमार झा
News ID:
6266
Pdf:
Nlink:
वित्त मंत्रालय द्वारा कर्ज पुनर्गठन के संकेत दिए जाने के बाद मिलों का मुनाफा बढऩे की उम्मीद के साथ पिछले दो कारोबारी सत्रों में चीनी कंपनियों के शेयरों में 35 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। सोमवार को उत्तम शुगर का शेयर 34.88 फीसदी तक चढ़कर 65.55 रुपये, सिंभावली शुगर्स 25 फीसदी बढ़कर 33.75 रुपये पर बंद हुआ। श्री रेणुका शुगर्स और बजाज हिंदुस्तान शुगर जैसे शेयर भी सोमवार को 12.21 फीसदी और 11.70 फीसदी की तेजी के साथ 14.70 रुपये और 14.80 रुपये पर बंद हुए।
चीनी कंपनियों के शेयरों में तेजी से अनुकूल परिदृश्य का संकेत मिलता है। चीनी कीमतें (एक्स-मिल) लगभग 35 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास हैं और यह स्तर उत्पादन लागत की भरपाई के लिहाज से उपयुक्त है। इसका मतलब है कि चीनी मिलें चीनी की मजबूत कीमतों के साथ अगली कुछ तिमाहियों में मुनाफा कमाने में सक्षम होंगी। ऋण पुनर्गठन से मिलों के लिए ब्याज खर्च में भी कमी आएगी जिससे उनके मुनाफे को मजबूती मिलेगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड के तकनीकी शोध विश्लेषक नागराज शेट्टïी ने कहा, 'तकनीकी तौर पर, चीनी शेयरों में तेजी पिछले कुछ महीनों में गिरावट के बाद सुधार की शुरुआत है। आगामी दिनों में चीनी कंपनियों के शेयरों में और तेजी आ सकती है।' इस बीच, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम चीनी उत्पादन की वजह से घरेलू चीनी खपत चीनी वर्ष 2017 (शुगर सीजन सितंबर 2017 में समाप्त होगा) में लगातार दूसरे साल घरेलू उत्पादन से अधिक रहने का अनुमान है। हालांकि उत्पादन में इस गिरावट की भरपाई कुछ हद तक उत्तर प्रदेश से चीनी उत्पादन में तेजी से हो जाएगी, लेकिन कुल मिलाकर, उत्पादन में 9 फीसदी तक की कमी दर्ज होने का अनुमान है।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग्स) सब्यसाची मजूमदार ने कहा, 'चीनी वर्ष 2017 के दौरान चीनी उत्पादन में संभावित गिरावट के साथ साथ चीनी वर्ष 2016 के दौरान घरेलू चीनी स्टॉक में गिरावट और वैश्विक रूप से चीनी की किल्लत के प्रभाव से घरेलू चीनी की कीमतें अक्टूबर 2016 में बढ़कर 36,200 रुपये प्रति टन पर पहुंच गईं, हालांकि नोटबंदी और नई आवक के बाद नवंबर में कीमतों में गिरावट आई। नकदी की किल्लत की वजह से व्यापारियों से धीमी मांग के बाद दिसंबर के पहले सप्ताह में चीनी की कीमतें गिरकर 34,500 रुपये-34,750 रुपये प्रति टन पर आ गईं। हालांकि, मौजूदा त्योहारी मौसम की वजह से मांग में सुधार आने से कीमतें अब थोड़ी सुधरकर 35,000 रुपये प्रति टन पर आ गई हैं। स्टॉक की सख्त स्थिति को देखते हुए निकट भविष्य में चीनी कीमतें स्थिर रहने का अनुमान है।' कुल मिलाकर, कई प्रमुख उत्पादक राज्यों में सक्षम और मजबूत चीनी मिलों के लिए अगली दो-तीन तिमाहियों के दौरान मजबूत मुनाफे का रुझान बरकरार रहने की संभावना है। हालांकि कर्ज से जूझ रही चीनी मिलों को पिछले नुकसान की भरपाई करने के प्रयासों की वजह से शुद्घ मार्जिन पर दबाव बरकरार रहेगा।
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