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मार्च तक ऊंची रहेगी शुगर की कीमत
Date: 30 Dec 2016
Source: Economic Times
Reporter: माधवी सैली
News ID: 6255
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नए साल के पहले क्वॉर्टर में शुगर की कीमतें मजबूत बनी रहेंगी। ट्रेडर्स और कंपनियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कॉस्ट ऑफ प्रॉडक्शन बढ़ने और महाराष्ट्र में मिलों के जल्दी बंद होने की वजह से चीनी की कीमतों में गिरावट आने के कोई आसार नहीं हैं।

महाराष्ट्र की शुगर बेल्ट माने जाने वाले कोल्हापुर में चीनी की कीमतें क्वॉलिटी के हिसाब से 34-35.68 रुपये प्रति किलो की दर पर चल रही हैं। गन्ने के कम उत्पादन और शुगर के प्रॉडक्शन में गिरावट आने की आशंका को देखते हुए एनसीडीईएक्स पर मार्च का शुगर कॉन्ट्रैक्ट बुधवार को 0.16 फीसदी चढ़कर 3,730 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। इनमें ओपन इंटरेस्ट 5,020 लॉट का रहा।

बलरामपुर चीनी के मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक सरावगी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश शुगर मिलों की कॉस्ट ऑफ प्रॉडक्शन 10 फीसदी बढ़ गई है। सरकार के गन्ने के लिए स्टेट एडवाइजरी प्राइस में बढ़ोतरी करने के चलते ऐसा हुआ है। ऐसे में चीनी की कीमतों में 3-4 फीसदी इजाफा हो सकता है। यह कीमत सभी को स्वीकार्य होनी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'अगर नोटबंदी नहीं हुई होती तो चीनी की कीमतें स्थिर बनी रहतीं। 2 रुपये प्रति किलो दाम गिरने के बाद अब शुगर के दाम फिर से बढ़ने लगे हैं।' एक मल्टीनेशनल ट्रेडिंग कंपनी के अधिकारी ने कहा कि अगर सरकार दखल नहीं देती है तो शुगर की कीमतें अगले कुछ वक्त तक ऊपर ही रहेंगी। उन्होंने कहा, 'पिछले हफ्ते सभी बाजारों में कीमतों में उछाला आया। कोल्हापुर में कीमत एक हफ्ते पहले 35 रुपये थी जो अब बढ़कर 36 रुपये हो गई है। कोलकाता में दाम इसी दौरान 38.5 रुपये से बढ़कर 39.5 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं।'

गन्ने की फसल महाराष्ट्र में काफी बुरी रही। देश में सबसे ज्यादा गन्ने की पैदावार महाराष्ट्र में होती है। यहां 15 मिलें करीब 30-40 दिन तक क्रशिंग करने के बाद बंद हो चुकी हैं। उन्होंने कहा, 'कई अन्य मिलें अगले 15 दिनों में बंद हो सकती हैं। इसी तरह की स्थितियां कर्नाटक में भी हैं। लग रहा है कि उत्पादन पिछले साल के मुकाबले आधा रहेगा।' आमतौर पर ये मिलें मार्च-अप्रैल तक चालू रहती हैं।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने महाराष्ट्र में 2016-17 में शुगर उत्पादन के 62.7 लाख टन रहने की संभावना जताई है। हालांकि, शुगर कमिश्नरेट ने इसके 50.3 लाख टन रहने का अनुमान दिया है।

ईडीएंडएफ मैन कमोडिटीज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राहिल शेख ने कहा, 'अभी उत्पादन के आंकड़ों में अंतर के चलते कीमतों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है। शुगर की कीमतें अनुमानों के हिसाब से चलती हैं और 20 फरवरी के करीब प्रॉडक्शन के आंकड़े आने के बाद कीमतें स्थिर होने लगती हैं।' शुगर की कीमतें पिछले सात महीने तक स्थिर थीं। पिछले महीने की नोटबंदी का असर भी अब खत्म हो गया है। नोटबंदी के बाद शुगर की कीमत 2 रुपये प्रति किलो नीचे आई थी, क्योंकि लोगों ने खर्च करना कम कर दिया था।

 
  

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