जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीनी उत्पादन में कमी आने के अनुमान के मद्देनजर कीमतों के तेज होने की आशंका है। घरेलू बाजार में चीनी की आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने स्टॉक सीमा के प्रावधान को अगले छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है। जबकि पेराई सीजन अगले महीने से शुरु हो जाएगा। लेकिन सरकार कोई चूक नहीं करना चाहती है, जिससे उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ जाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में चीनी की स्टॉक सीमा को अगले छह महीने तक और बढ़ाने का फैसला लिया गया है। यह प्रावधान अप्रैल 2017 तक जारी रहेगा। जिंस बाजार में चीनी का मूल्य 40 रुपये प्रति किलो चल रहा है। स्टॉक सीमा का प्रावधान 29 अक्तूबर 2016 को समाप्त हो रहा था। अब यह आदेश 28 अप्रैल 2017 तक जारी रहेगा। केंद्र सरकार के इस आदेश को विभिन्न राज्यों में चीनी की आपूर्ति सुनिश्चित करने और महंगाई पर काबू पाने के लिए राज्य सरकारें अपनी तरह से लागू कर रही हैं। कैबिनेट के इस फैसले से सभी राज्यों को अवगत करा दिया गया है।
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चीनी मूल्य पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने इसी साल के शुरुआत में ही स्टॉक सीमा का प्रावधान किया था, जब कीमतें पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। इसके तहत चीनी व्यापारियों को अधिकतम पांच हजार क्विंटल तक चीनी का स्टॉक करने की छूट है। जबकि कोलकाता में स्टॉक सीमा 10 हजार क्विंटल है। चीनी व्यापारी को स्टॉक 30 दिनों के भीतर बेचना जरूरी है। बाजार में चीनी की कीमतें 40 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रही हैं।
पिछले दो सालों के दौरान सूखा पड़ने की वजह से चीनी का उत्पादन घटने से जिंस बाजार में कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने कीमतों पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रही है। वर्ष 2016-17 के पेराई सीजन (अक्तूबर से सितंबर) में कुल 2.32 करोड़ टन होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल चीनी का उत्पादन 2.5 करोड़ टन हुआ था।