चने की दाल और चीनी की आसमान छू रही कीमतों को गिरफ्त में लाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है
नई दिल्ली: चने की दाल और चीनी की आसमान छू रही कीमतों को गिरफ्त में लाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। वह सार्वजनिक क्षेत्र की ट्रेडिंग कंपनी एमएमटीसी के जरिये 90 हजार टन चने की दाल आयात करेगी। उसने चीनी पर आयात शुल्क की समीक्षा करने का भी फैसला किया है। इन कदमों से दोनों जिंसों की आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों में नरमी आएगी।
कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने बुधवार को आवश्यक जिंसों की उपलब्धता के साथ उनकी कीमतों की समीक्षा की। साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग को चने की दाल और चीनी की दरों को अंकुश में लाने के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा।
राय सरकारों से बोला गया है कि वे स्टॉक सीमा लगाएं। इसके अलावा जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करें, ताकि त्योहारी सीजन के दौरान सभी आवश्यक जिंसों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। बैठक में उपभोक्ता मामलों, कृषि, खाद्य, वाणिय, व्यय व अन्य विभागों के सचिवों ने शिरकत की। आधिकारिक बयान में कहा गया कि देखा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों ने यादातर दालों की कीमतों पर अंकुश लगाने में मदद की है। चना और चीनी को छोड़ अन्य आवश्यक जिंसों के साथ इनमें नरमी का रुख है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चने की दाल औसतन 110 रुपये प्रति किलो बिक रही है। कहीं-कहीं इसे 145 रुपये प्रति किलो तक बेचा जा रहा है। इसी तरह चीनी औसतन 40 रुपये किलो में उपलब्ध है। हालांकि, देश के कई हिस्सों में इसकी कीमत 47 रुपये किलो तक वसूली जा रही है। सूत्रों ने बताया कि उपभोक्ता मामलों के विभाग से चीनी पर आयात शुल्क घटाने की संभावना पर विचार करने को कहा गया है। अभी चीनी पर 40 फीसद आयात शुल्क है। इसी तरह जल्द ही एमएमटीसी 90 हजार टन चने की दाल आयात करने के लिए टेंडर जारी करेगी। सिन्हा बोले कि डाक नेटवर्क के जरिये चने और अन्य दालों का वितरण किया जाना चाहिए।
बैठक में बफर स्टॉक से राय सरकारों को दालों के वितरण की भी समीक्षा की गई। रायों में सरकारी राशन की दुकानों की अनुपस्थिति में हाल ही में केंद्र सरकार ने सब्सिडी वाली दालों को बेचने के लिए देश में फैले डाक घरों के विशाल नेटवर्क का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इन दालों में मुख्य रूप से अरहर, उड़द और चना होंगी। त्योहारी सीजन में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है। केंद्र ने 20 लाख टन दालों का बफर स्टॉक तैयार करने का भी फैसला किया है। यह स्टॉक आयात के साथ-साथ घरेलू बाजार से दालों की खरीद करके बनाया जाएगा।