कैबिनेट ने सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा पेट्रोल के साथ ब्लेंडिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले एथनॉल की कीमतें दिसंबर से शुरू होने वाले अगले शुगर ईयर के लिए घटाकर 39 रुपये प्रति लीटर कर दी हैं। ऑयल कंपनियों को एथनॉल सप्लायर्स को लगने वाली ड्यूटी और ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज का भुगतान करना पड़ेगा। एथनॉल की मौजूदा कीमत 48.50-49.50 रुपये प्रति लीटर है, जिसे सरकार ने दिसंबर 2014 में तय किया था। इन कीमतों में ड्यूटीज और ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज भी शामिल हैं।
कैबिनेट के फैसले के बाद ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने बताया, 'कीमत व्यवस्था को बाजार आधार होना चाहिए। भारत मार्केट आधारित व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।' उन्होंने बताया कि एथनॉल के लिए असल कीमत कटौती 3 रुपये प्रति लीटर की है, जिसमें दाम को 42 रुपये लीटर से घटाकर 39 रुपये कर दिया गया है। सरकार ने एक बयान में कहा है, 'चीनी की कीमतों में आती मजबूती, क्रूड की घटती कीमतों और इस संबंध में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की अंडर-रिकवरी को देखते हुए एथनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम के तहत एथनॉल की कीमतों पर दोबारा विचार करने की जरूरत महसूस की गई।' सरकारी बयान के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2014-15 में एथनॉल की सप्लाई 67.4 करोड़ लीटर थी, जिसके 2015-16 में बढ़कर 120 करोड़ लीटर पहुंचने का अनुमान है।
भारतीय फ्यूल रिटेलर्स को क्रूड ऑयल के इंपोर्ट को घटाने के लिए पेट्रोल के साथ 10 फीसदी तक एथनॉल मिलाने की इजाजत है, लेकिन एथनॉल की सीमित सप्लाई और प्राइसिंग के मुद्दे ने ब्लेंडिंग रेशियो को काफी नीचे रखा है। पिछले दो सालों से क्रूड की कीमतें निचले स्तर पर बनी हुई हैं, ऐसे में ऑयल कंपनियों के लिए महंगा एथनॉल खरीदने पर कम इंसेंटिव्स हैं। प्रधान ने कहा कि बायो फ्यूल्स के इस्तेमाल को मजबूती देने की कोशिश के तहत स्टेट ऑयल कंपनियां इस साल 11 बायो रिफाइनरीज बनाना शुरू करेंगी। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम तीन-तीन बायो रिफाइनरीज बनाएंगी, जबकि नुमालीगढ़ रिफाइनरी और MRPL एक-एक बायो रिफाइनरीज बनाएंगी। प्रधान ने कहा कि केरल नवंबर तक लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) से चलने वाली बसें चलाकर एक पायलट शुरू करेगा।