चावल, दाल, चीनी जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुएं वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में नहीं आएंगी। इस प्रकार की चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। लेकिन इन चीजों के इस्तेमाल से बने खाने की अन्य चीजों पर जीएसटी लागू होगा। जीएसटी से जुड़े विशेषज्ञों ने बताया कि जीएसटी ड्राफ्ट में आरंभ से ही खाद्य पदार्थों के कच्चे माल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
समय बीतने के साथ ड्राफ्ट में कई प्रकार के बदलाव किए गए, लेकिन कच्चे खाद्य पदार्थों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया। वर्तमान में भी मंडी में बिकने वाले चावल, दाल, चीनी व अन्य अनाज पर कोई कर नहीं लगता है। वैसे ही जीएसटी के अमल में आने के बाद भी उनपर कोई कर नहीं लगेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि मंडी में बिकने वाले चावल, दाल जैसी चीजें जीएसटी से बाहर होंगी, लेकिन जैसे ही इन वस्तुओं के इस्तेमाल से खाने की कोई अन्य चीज बनाकर बेची जाएंगी तो उन चीजों पर जीएसटी लागू होगा। जीएसटी के अमल में आने के बाद कई खाद्य पदार्थ महंगे भी हो जाएंगे क्योंकि अधिकतर खाद्य पदार्थों पर अभी 5-8 फीसदी का वैट लगता है और जीएसटी लागू होने के बाद उन चीजों 18 फीसदी या इससे अधिक टैक्स लगने की उम्मीद है। विशेषज्ञों के मुताबिक 15 फीसदी ऐसी चीजें हैं जिन पर सिर्फ वैट लगता है और ये सारी चीजें जीएसटी लागू होने के बाद महंगी हो सकती है।