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कंप्रेस्ड बायो गैस सैक्टर में रिलायंस की बड़ी तैयारी, दो साल में 5,000 करोड़ रुपये का होगा निवेश
Date: 26 Feb 2024
Source: Nav Bharat Times
Reporter:
News ID: 57483
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              नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड Reliance Industries Ltd (RIL) कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) में भी बड़ा दांव लगाने की तैयारी में है। खबर है कि कंपनी अगले दो वर्षों में ₹5,000 करोड़ से अधिक की लागत से 50 से अधिक सीबीजी संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में आरआईएल की वार्षिक आम बैठक में, अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने पांच वर्षों में 100 सीबीजी संयंत्र (CBG Plant) स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी। सीबीजी अपशिष्ट या बायोमास स्रोतों से उत्पादित ग्रीन फ्यूल है। इसमें कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) के समान गुण हैं और इसका उपयोग ऑटोमोटिव, औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोग के लिए किया जा सकता है।

टेंडर जारी कर दिए गए हैं

रिलायंस के एक अधिकारी ने बताया कि आरआईएल ने 50 से अधिक सीबीजी प्लांट बनाने के लिए निविदा जारी की है। ये प्लांट अगले दो साल के अंदर लगने वाले हैं। इसके अलावा जल्द ही शेष प्लांट्स के लिए निविदा जारी करेगी। उन्होंने बताया कि यह टेंडर टेक्नोलोजी के साथ साथ इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट और कंस्ट्रक्शन के लिए है। इस व्यक्ति ने बताया कि रिटेल से लेकर ऑयल रिफाइनिंग ग्रुप ने भी सीबीजी प्लांट की संख्या के लक्ष्य को 100 से संशोधित कर 106 कर दिया है। इस बारे में कंफर्मेशन के लिए ईटी ने आरआईएल को बीते 19 फरवरी को ही प्रतिक्रिकया के लिए ईमेल भेजे गए थे, लेकिन इसका जवाब नहीं दिया गया।

250 से 500 टन होगी क्षमता

रिलायंस के अधिकारियों ने बताया कि हर सीबीजी प्लांट की फीडस्टॉक प्रोसेसिंग क्षमता प्रतिदिन 250-500 टन होगी। इसमें सीबीजी प्रोडक्शन 10 टन से 20 टन प्रति दिन होगा। 10 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के प्लांट में अनुमानित निवेश लगभग 100 करोड़ रुपये है। आरआईएल की इन-हाउस टीम संयंत्रों के लिए फीडस्टॉक की सोर्सिंग करेगी। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी सीबीजी प्रोडक्शन के लिए गन्ने से रस निकालने के बाद बचा निष्पंदन अवशेष sugarcane press mud और फीडस्टॉक की सोर्सिंग के लिए कई चीनी मिलों के साथ भी चर्चा कर रही है।

क्या कहा था अंबानी ने

अंबानी ने पिछले साल कंपनी के एजीएम कहा था, “भारत लगभग 230 मिलियन टन नॉन कैटल फीड बायोमास का उत्पादन करता है। इसका अधिकांश हिस्सा जलाया जाता है तो कि वायु प्रदूषण में योगदान देता है। एक वर्ष की छोटी अवधि के भीतर, हम अपनी स्वदेशी विकसित तकनीक के आधार पर भारत के सबसे बड़े जैव-ऊर्जा उत्पादक बन गए हैं।” आरआईएल ने पहले ही जामनगर में अपनी रिफाइनरी सुविधा में दो सीबीजी डेमो इकाइयां स्थापित कर ली हैं और उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पहला वाणिज्यिक पैमाने का सीबीजी संयंत्र चालू कर दिया है।

क्या है आरआईएल का लक्ष्य

आरआईएल ने अपनी सीबीजी इकाइयों के माध्यम से 5.5 मिलियन टन कृषि-अवशेषों और जैविक कचरे का उपयोग करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने लगभग 2 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और सालाना 2.5 मिलियन टन जैविक खाद का उत्पादन करने का भी लक्ष्य रखा है। ऐसा होता है तो आयातित लिक्विड नेचुरल गैस में प्रति वर्ष लगभग 0.7 मिलियन टन की कमी आएगी। ये सीबीजी यूनिट्स आरआईएल को शीघ्र ही जियो-बीपी के फ्यूल रिटेल शॉप पर सीबीजी और बायो-सीएनजी (बायोगैस का शुद्ध रूप) की खुदरा बिक्री बढ़ाने में मदद करेंगी। Jio-BP आउटलेट्स की स्थापना रिलायंस BP मोबिलिटी लिमिटेड द्वारा की गई है, जो RIL और ब्रिटिश ऊर्जा प्रमुख BP Plc का संयुक्त उद्यम है।

 

 
  

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