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News
घट सकता है चीनी का उत्पादन
Date:
09 Jul 2016
Source:
Business Standard Hindi
Reporter:
बी एस संवाददाता
News ID:
5741
Pdf:
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गन्ने की फसल के रकबे में गिरावट आने से इस साल पेराई सत्र में चीनी के उत्पादन में सात प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने वित्त वर्ष 2016-17 के पेराई सत्र के लिए अपना पहला अनुमान जारी करते हुए यह आशंका जताई है। इसके मुताबिक वर्ष 2015-16 के सत्र में हुए 251 लाख टन चीनी उत्पादन की तुलना में इस साल यह घटकर 232.6 लाख टन पर सिमट सकता है।
जून 2016 के अंतिम दिनों में उपग्रह से ली गई तस्वीरों के अध्ययन से पता चला है कि 49.9 लाख हेक्टेयर भूभाग में ही गन्ने की फसल लगी हुई है। यह पिछले साल की इसी अवधि के 52.8 लाख हेक्टेयर इलाके में हुई गन्ने की खेती से 5.5 फीसदी कम है। गन्ने के रकबे में कमी आने से पेराई सत्र में चीनी के उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की जाएगी। आईएसएमए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर के अंतिम दिनों में शुरू होने वाले गन्ना पेराई सत्र में चीनी के उत्पादन में भले ही कमी आएगी लेकिन इससे देश में चीनी की उपलब्धता पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। दरअसल 1 अक्टूबर 2016 को देश के पास करीब 71 लाख टन का चीनी भंडार रिजर्व के रूप में रहेगा जिससे 2016-17 के सत्र में चीनी की कुल उपलब्धता बढ़कर 303.6 लाख टन तक पहुंच जाएगी। घरेलू स्तर पर उपभोग के लिए अगले साल सितंबर तक करीब 260 लाख टन चीनी की जरूरत पडऩे का अनुमान है।
आईएसएमए का कहना है कि अक्टूबर 2016 से लेकर सितंबर 2017 तक की जरूरत वाली चीनी के उपभोग के बाद भी 43 लाख टन चीनी बच जाएगी जो अक्टूबर-नवंबर 2017 की घरेलू जरूरत के लिए पर्याप्त रहेगी। अगले साल के पेराई सत्र में बनी चीनी बाकी की घरेलू जरूरतों को पूरा कर देगी। चीनी मिल संघ ने इसे अभी शुरुआती अनुमान बताते हुए कहा है कि मौजूदा मॉनसून सत्र में होने वाली अच्छी बारिश से उत्पादन स्तर में सुधार भी आ सकता है। अगला अनुमान सितंबर में ली जाने वाली उपग्रह तस्वीरों के आधार पर किया जाएगा। तब तक गन्ने की फसल भी कटाई के लायक हो जाएगी।
इस बीच गन्ने के सर्वाधिक उत्पादन वाले राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ने के रकबे में देश के बाकी राज्यों के उलट बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2015 में जहां 23.0 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती हुई थी, वहीं इस साल यह बढ़कर 23.4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र हो गया है। इसमें भी उच्च उत्पादन क्षमता वाली किस्म सीओ0238 का रकबा अधिक होने से चीनी उद्योग को उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल को बारिश का भी अच्छा साथ मिलने से चीनी उत्पादन बढ़कर 75.4 लाख टन हो जाने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सत्र में यह 68.2 लाख टन रहा था।
हालांकि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में चीनी उत्पादन में कमी आने के आसार हैं। इन राज्यों में बारिश भी अच्छी नहीं हुई है जिससे गन्ने की फसल को काफी नुकसान हुआ है। पिछले साल महाराष्ट्र में 10.5 लाख हेक्टेयर इलाके में गन्ने की फसल लगी थी लेकिन इस साल यह घटकर 7.8 लाख हेक्टेयर हो गई है। इससे चीनी उत्पादन के भी 84.1 लाख टन से घटकर 61.5 लाख टन पर आ जाने का अनुमान है।
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