ग्रामीणों का कहना है कि यह क्षेत्र कृषि प्रधान है। यहां के 95 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर कृषि से जुड़े हुए हैं। प्लांट लगने के बाद प्रदूषण होगा, इससे कृषि कार्य प्रभावित होगा। इस प्लांट को लेकर विरोध किया गया था, तब कांग्रेस सत्ता थी, इस कारण प्लांट के निर्माण पर रोक नही लगाई गई थी।