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भारत के पास पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन सप्लाई एक बड़ी बाधा बनी हुई है
Date: 12 Sep 2023
Source: The Print
Reporter: यूथिका भार्गव
News ID: 56891
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              नई दिल्ली: जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान शनिवार को घोषित ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशों से ईंधन मिश्रण के क्षेत्र में एक साथ काम करने का आह्वान किया और पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए एक वैश्विक पहल का प्रस्ताव रखा.

 
 
इसने ऑटोमोबाइल के लिए जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में इथेनॉल के लिए भारत के प्रयास को सुर्खियों में ला दिया है. लेकिन यह इन प्रयासों की एक महत्वपूर्ण चुनौतियों पर भी प्रकाश डालता है – जो कि घरेलू स्तर पर उत्पादित इथेनॉल की मांग और आपूर्ति के बीच अनुमानित असमानता है.
 
 
देश वर्तमान में वाहनों में ईंधन के तौर पर E10 ऑटोमोबाइल फ्यूल का उपयोग करता है – जिसमें 10 प्रतिशत इथेनॉल और 90 प्रतिशत पेट्रोल शामिल है. कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयास में, केंद्र सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को 5 साल कम करते हुए 2030 से 2025 कर दिया है.
 
 
लेकिन भारत का कम इथेनॉल उत्पादन और अन्य उद्योगों से इस पर प्रतिस्पर्धी दावे इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण चुनौती पैदा कर सकते हैं. वर्तमान में, लगभग 12 प्रतिशत मिश्रण के लिए देश का इथेनॉल उत्पादन 5.42 बिलियन लीटर सालाना होने का अनुमान है. हालांकि, अपने 20 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत को 2025-26 तक सालाना लगभग 10.16 बिलियन लीटर की आवश्यकता होने का अनुमान है, जो कि वर्तमान उत्पादन का लगभग दोगुना.
 
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत को अपने पेट्रोल मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपने उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करने की आवश्यकता होगी – रिसर्च फर्म एनआरआई (नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट) कंसल्टिंग एंड सॉल्यूशंस के एक वरिष्ठ भागीदार और व्यवसाय प्रदर्शन सुधार के समूह प्रमुख आशिम शर्मा ने दिप्रिंट को बताया कि भारत के नवंबर 2026 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए इथेनॉल उत्पादन क्षमता को 15 बिलियन लीटर तक बढ़ाना होगा.
 
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भारत में पेट्रोल की बढ़ती मांग को देखते हुए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है – नीति आयोग, सार्वजनिक नीति पर सरकार की सर्वोच्च सलाहकार संस्था, 2025-26 तक देश की पेट्रोल मांग 50.8 बिलियन लीटर होने का अनुमान लगाती है.
 
यहां भारत के मौजूदा इथेनॉल उत्पादन स्तर पर एक नज़र डालते हैं और इस बात पर विचार करते हैं कि इसे बढ़ाने के लिए क्या करने की जरूरत है ताकि लक्ष्यों को पूरा किया जा सके.
 
 
 
  

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