•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


दाम थामने को निर्यात पर लगाम
Date: 11 Jun 2016
Source: Business Standard Hindi
Reporter: रॉयटर्स
News ID: 5665
Pdf:
Nlink:
केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की बेहतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए इस जिंस के निर्यात पर 25 फीसदी कर लगाने की योजना बनाई है। इससे वैश्विक कीमतों में तेजी आ सकती है और थाईलैंड से चीनी का निर्यात बढ़ सकता है। देश के गन्ना उत्पादक प्रमुख राज्यों में सूखे की वजह से चीनी का उत्पादन घटने के आसार हैं। वहीं चीनी की वैश्विक कीमतें ढाई साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी हैं। खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि वह देश से चीनी का निर्यात रोककर घरेलू कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए शुल्क लगाने का कदम उठा रहे हैं। 
 
पासवान ने गुरुवार शाम ट्वीट किया, 'अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में तेजी का रुझान है, इसलिए कारोबारी लाभ कमाने के लिए इस जिंस का निर्यात बढ़ा सकते हैं।' कारोबारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि नए कर से चीनी की वैश्विक कीमतों में इजाफा होगा। हालांकि इस बात का पहले से ही अनुमान था कि लगातार दो साल सूखे की वजह से भारत 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले चीनी वर्ष में इस जिंस का शुद्ध आयातक बन जाएगा। 
 
कोटक कमोडिटीज के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अरविंद प्रसाद ने कहा, 'हम विश्व के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक हैं, इसलिए वैश्विक कीमतों पर 5 फीसदी असर पड़ सकता है। हालांकि इससे ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।' सूत्रों के मुताबिक भारत ने वर्ष 2015-16 में 29 लाख टन चीनी का निर्यात किया, जो वैश्विक निर्यात का 5.3 फीसदी था। यूएसडीए ने अपनी मई की रिपोर्ट में अनुमान जताया था कि इस साल भारत से निर्यात भारी गिरावट के साथ महज 10 लाख टन रहेगा, जो फसल वर्ष 2009-10 के बाद सबसे कम होगा। सिंगापुर के एक कारोबारी ने कहा, 'सफेद चीनी की बढ़ती कीमतों और कमजोर होते रुपये से भारतीय मिलें श्रीलंका के साथ निर्यात सौदे कर सकती थीं। अब ऐसा नहीं होगा।' ब्राजील के कुछ हिस्सों में ठंडे तापमान और बढ़ती मांग से भी वैश्विक कीमतों में तेजी आई है। दिल्ली के चीनी उद्योग के एक विशेषज्ञ ने कहा, 'बाजार भारत से निर्यात की उम्मीद नहीं कर रहे थे, लेकिन चीनी निर्यात पर कर लगाने का निश्चित रूप से वैश्विक कीमतों पर अस्थायी असर होगा।' उन्होंने कहा कि निर्यात पर कर लगाना विदेशी बिक्री पर रोक लगाने के भारत के पिछले फैसले से अच्छा है। 
 
मुंबई के एक कारोबारी ने कहा कि भारत के इस कदम से उसके प्रतिस्पर्धी निर्यातकों थाईलैंड और ब्राजील को मदद मिलेगी। कारोबारी ने कहा, 'थाईलैंड को ज्यादा फायदा होगा क्योंकि वह सफेद चीनी के बाजार में भारत के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। एशियाई देशों को आपूर्ति के लिए उसकी मालभाड़ा लागत भी कम पड़ेगी।' चीनी उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा निर्यात कर लगाने से म्यांमार और श्रीलंका को होने वाला 75,000 टन का निर्यात प्रभावित हो सकता है। ईडीऐंडएफ मैन कमोडिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहिल शेख ने कहा कि भारत 1 अक्टूबर से शुरू हुए विपणन वर्ष में अब तक 17 लाख टन चीनी का निर्यात कर चुका है। शेख ने कहा कि चीनी की बढ़ती घरेलू कीमतों की वजह से सरकार को चीनी के आयात पर खत्म करने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है। उन्होंने अनुमान जताया कि वर्ष 2016-17 में उत्पादन करीब 235 लाख टन रहेगा, जो गत वर्ष के उत्पादन 252 लाख टन से कम है। 
 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by