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11 राज्यों में 20% इथेनॉल मिक्स वाले पेट्रोल की बिक्री:10% इथेनॉल मिलाने से 53 हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत होती है
Date: 07 Feb 2023
Source: Dainik Bhaskar
Reporter: Dainik Bhaskar Bureau
News ID: 54703
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              जैविक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल हुई है। देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंप पर सोमवार से 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल (ई-20) की खुदरा बिक्री शुरू हुई। पहले चरण में 15 शहरों में इस पेट्रोल की बिक्री शुरू की गई है। अगले दो साल में देश भर में ई-20 पेट्रेाल की बिक्री शुरू हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साेमवार को भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 में बताया कि 20% इथेनॉल की बिक्री को दो महीने बाद पेश करना था, लेकिन इसे लक्ष्य पूर्व लॉन्च किया गया है।

उन्होंने कहा कि 2014 में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 1.5 फीसदी से 10 फीसदी किया गया था। पेट्रोल में 10% इथेनॉल मिलाने से देश को 53,894 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत होती है। इथेनॉल के बढ़ते इस्तेमाल से किसानों को भी इसका लाभ मिलता है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि 15 शहरों के 84 पेट्रोल पंप पर 20 फीसदी इथेनॉल वाले पेट्रोल की खुदरा बिक्री शुरू हो गई है। पेट्रोल में इथेनॉल के 20 फीसदी मिश्रण का पूर्व निर्धारित लक्ष्य 2030 का रखा गया था। लेकिन इसे भी अब घटाकर 2025 कर दिया गया है। अब ई-20 से पेट्रोल मद में हर साल लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की बचत होने की संभावना है।

ई-20 पेट्रोल से सभी गाड़ियां चलेंगी, इंजन यदि कंपेटिबल तो बेहतर माइलेज मिलेगा

ई-20 पेट्रोल किन-किन गाड़ियों में इस्तेमाल होगा?
दरअसल, देश में अधिकांश गाड़ियों के इंजन बीएस-4 से बीएस-6 स्टेज तक के हैं। इसके अनुसार 20 फीसदी इथेनॉल वाले पेट्रोल का इस्तेमाल सभी गाड़ियों में किया जा सकता है। बीएस यानी भारत स्टेज के इंजन में ई-20 का इस्तेमाल किया जा सकता है। वाहन निर्माता कंपनियों को पूर्व में ही ई-20 इंजनों के निर्माण के आदेश दिए जा चुके हैं।

क्या पुरानी गाड़ी में भी ई-20 पेट्रोल डलवाया जा सकता है?
इंजन फ्लेक्स फ्यूल कंपेटिबल (अनुकूल) है तो ई-20 फ्यूल से अच्छा माइलेज िमलेगा। पावर भी ज्यादा मिलेगी। पुरानी इंजन वाली गाड़ियों में यदि ई-20 को डलवाया जाएगा तो कम माइलेज-कम पावर की आशंका रहेगी। पुरानी गाड़ी के इंजन में थोड़े बदलाव कराए जा सकते हें लेकिन ये बदलाव केवल इंजन के कोरेशन (घिसाव) को कम करने के लिए कराने पड़ेंगे।

क्या ई-20 आने से देश में पेट्रोल के दाम कम होंगे?
ई-20 के तीन उद्देश्य है। पहला- आयात कम करना, दूसरा- प्रदूषण में रोकथाम और तीसरा-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल। पेट्रोल पर अभी लगभग 52% केंद्र और राज्यों के टैक्स हैं। इथेनॉल पर अभी टैक्स कम हैं। ऐसे में दामों में ज्यादा कमी आने की संभावना कम है। मेरे हिसाब से ऐसा मानना गलत होगा कि ई-20 से पेट्रोल के दाम धड़ाम कर गिर जाएंगे।

अन्य देशों में पेट्राेल में इथेनॉल ब्लेन्डिंग की क्या स्थिति है?
ब्राजील सबसे ज्यादा 40% तक इथेनॉल की ब्लेन्डिंग करता है। अमेरिका में भी 20 से 30 फीसदी तक इथेनॉल ब्लेन्डिंग होती है। दिलचस्प तथ्य है कि इन देशों को पेट्रो प्रोडक्टस का आयात नहीं करना होता है। भारत पेट्रो जरूरतों का 85 फीसदी तक आयात करता है। हमने अभी पेट्रोल में ही इथेनॉल ब्लेन्डिंग शुरू की है। अभी डीजल में ब्लेन्डिंग शुरू नहीं हुई है।

इथेनॉल के उपयोग से ग्रामीण अर्थव्यस्था को कैसे लाभ होगा?
इथेनॉल का उत्पादन मूल रूप से गन्ने से किया जाता है। देश के कई राज्यों में गन्ने का बंपर उत्पादन होता है। अभी किसान इन्हें चीनी िमलों को ही बेचता है। अब िकसान के पास अपनी उपज को बेचने के लिए इथेनॉल कंपनियों का विकल्प भी होगा। किसान की आमदनी बढ़ेगी।

 
  

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