सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में कुल एथनॉल (Ethanol) उत्पादन क्षमता साल के अंत तक 25 फीसदी बढ़कर 1,250 करोड़ लीटर होने की उम्मीद है। एथनॉल परियोजनाओं की तेजी से मंजूरी के लिए कदम उठाए गए हैं।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के तहत चीनी एवं वनस्पति तेल निदेशालय में निदेशक संगीत सिंगला ने कहा, ‘बैंकों ने अब तक एथनॉल परियोजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 10,000 करोड़ रुपये पहले ही ब्याज अनुदान योजना के तहत जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने यहां उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा ‘भविष्य के लिए ईंधन’ पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि अब तक करीब 225 परियोजनाओं को इसका फायदा मिला है। भारत ने पिछले दो वर्षों में पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण को दोगुना कर 10 फीसदी कर दिया है। उन्होंने कहा कि एथनॉल मिश्रण इस साल 12 फीसदी तक पहुंच जाएगा और 2025 तक 25 फीसदी मिश्रण का लक्ष्य पूरा होगा।
अधिकारी ने कहा कि गन्ना उत्पादकों को ही नहीं, खाद्यान्न उगाने वाले किसानों को भी एथनॉल बनाने से फायदा हो रहा है, क्योंकि उन्हें टूटे चावल के बेहतर दाम मिल रहे हैं। सरकार ने एथनॉल उत्पादन के लिए चीनी के अलावा टूटे चावल के इस्तेमाल की अनुमति दी है।