जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गन्ना किसानों के भुगतान को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए सरकार ने चीनी निर्यात पर लगे प्रतिबंध पर पुनर्विचार करते हुए 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे दी है। सरकार ने कहा है कि चालू पेराई सीजन में घरेलू चीनी के उत्पादन का आकलन करने के बाद और चीनी निर्यात की मंजूरी दी जा सकती है। खाद्य मंत्रालय की जारी अधिसूचना के मुताबिक एक नवंबर से 31 मई 2023 तक कुल 60 लाख टन निर्यात की छूट दी गई है। चीनी निर्यात से किसानों के गन्ना भुगतान में सहूलियत होगी।
रविवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि निर्यात का यह कोटा देश में गन्ना उत्पादन के मौजूदा आकलन के आधार पर जारी किया गया है। गन्ना व चीनी उत्पादन पर सरकार लगातार नजर रखेगी, जिसके आधार पर अतिरिक्त चीनी निर्यात की छूट दी जा सकती है। मंत्रालय के बयान में स्पष्ट कहा गया है कि चीनी मिलें तत्काल प्रभाव से ज्यादा से ज्यादा चीनी का निर्यात सुनिश्चित करें और उससे प्राप्त होने वाली धनराशि से किसानों को बकाया भुगतान करें। निर्यात का कोटा मिलों के तीन वर्षों के औसत चीनी उत्पादन के 18.23 फीसद आवंटित की गई है। मिलों को यह कोटा अगले दिनों के लिए दिया गया है।
जो मिल अपने कोटे की चीनी निर्यात नहीं कर पाएं उन्हें अपना कोटा छोड़ देने अथवा दूसरी चीनी मिलों से एक्सटचेंज कर सकती हैं। अगर चीनी मिल 31 मई 2023 तक अपने निर्यात कोटा का 90 फीसद निर्यात नहीं कर पाती हैं तो उसका 30 फीसद के बराबर हिस्सा जुलाई-अगस्त 2023 में उनके घरेलू कोटा से कम कर दिया जाएगा। सभी चीनी मिलों को चीनी निर्यात की दैनिक जानकारी अपलोड करनी होगी। वर्ष 2016-17ं में भारत से सिर्फ 46 हजार टन चीनी का निर्यात किया गया था। जबकि वर्ष 2017-18 में यह बढ़कर 6.32 लाख टन, वर्ष 2018-19 में 38 लाख टन, वर्ष 2019-20 में 59 लाख टन, 2020-21 में 71.90 लाख टन और 2021-22 में 112 लाख टन तक पहुंच गया था। लेकिन चालू सीजन में वैश्विक बाजार की बढ़ती मांग और घरेलू बाजार के रुख को देखते हुए सरकार ने सधे हुए कदम उठाया है।
चालू सीजन में चीनी की घरेलू खपत 275 लाख टन अनुमानित है, जबकि 50 लाख टन चीनी के बराबर गन्ना एथनाल उत्पादन में जाएगा। आगामी सीजन के लिए क्लोजिंग बैलेंस 50 लाख टन की जरूरत पड़ेगी। गन्ना उत्पादक राज्य महाराष्ट्र व कर्नाटक की चीनी मिलों में पेराई चालू हो चुकी है, जबकि उत्तर प्रदेश में अगले सप्ताह तक मिलों में पेराई शुरु होने की संभावना है। अक्तूबर माह में कुल चार लाख से अधिक चीनी का उत्पादन हो चुका है। वर्ष 2021-22 सीजन के दौरान चीनी निर्यात होने से 31 अक्तूबर तक 96 फीसद गन्ने का भुगतान हो चुका है। जबकि इस सीजन में रिकार्ड 1.18 लाख करोड़ रुपये के गन्ने की खरीद हुई थी।