सरकार ने बुधवार को पेट्रोल में सम्मिश्रण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इथेनॉल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार का यह निर्णय ऐसे में समय में आया है जब पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रित करने की की मात्रा को दोगुना करके 20 प्रतिशत करने की तैयारी चल रही है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने दिसंबर 2022 से शुरू होने वाले आपूर्ति वर्ष के लिए गन्ने के रस से निकाले गए इथेनॉल की कीमत मौजूदा 63.45 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 65.60 रुपये प्रति लीटर कर दी है।
वहीं, सी-हैवी शीरे से तैयार इथेनॉल की दर जो वर्तमान में 46.66 रुपये प्रति लीटर है को बढ़ाकर 49.40 रुपये प्रति लीटर कर दी है। इसके साथ ही बी-हैवी शीरे से तैयार इथेनॉल की दर 59.08 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 60.73 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। इस बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, "हमने किसानों को लाभान्वित करने के अलावा पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण से विदेशी मुद्रा व्यय में लगभग 40,000 करोड़ रुपये की बचत की है," उन्होंने कहा कि ई -20 (20 प्रतिशत इथेनॉल के साथ पेट्रोल) से जुड़े एक पायलट प्रोजेक्ट को अप्रैल 2023 से चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर शुरू किया जाएगा। . गन्ने के साथ-साथ टूटे चावल और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए इथेनॉल के उपयोग से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक देश को विदेशी शिपमेंट पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। भारत फिलहाल अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी आयात पर निर्भर है।
30 नवंबर 2022 को समाप्त होने वाले आपूर्ति वर्ष के दौरान पेट्रोल में 452 करोड़ लीटर इथेनॉल मिश्रित किया गया था। अगले वर्ष 540 करोड़ लीटर की खरीद का लक्ष्य बड़ी मात्रा में सम्मिश्रण शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।