•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


पेट्रोल भराने की टेंशन हो जाएगी खत्म, अगर गाड़ी में लगा है ये इंजन तो फिर किस बात की चिंता!
Date: 18 Oct 2022
Source: Dainik Jagran
Reporter: Sonali Singh
News ID: 54499
Pdf:
Nlink:

पेट्रोल भराने की टेंशन हो जाएगी खत्म, अगर गाड़ी में लगा है ये इंजन तो फिर किस बात की चिंता! अब ऐसे में सवाल उठता है कि अगर यह पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में लाई गई है तो फिर यह सामान्य इंजन को क्यों नहीं चल सकती है? साथ ही अगर इसके लिए अगर अलग इंजन को लाया गया है तो फिर यह कैसे काम करता है? इन्ही सवालों के जवाब आज हम आपको देने वाले है। 

कैसा होता है Flex Fuel Car का इंजन?

एक फ्लेक्स फ्यूल कार का इंजन सामान्य इंजनों से काफी अलग होता है। यह 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत एथेनॉल या दोनों के मिश्रण के साथ भी चल सकता है। जबकि पेट्रोल या डीजल इंजनों में किसी भी तरह के ईंधन को मिक्स करने पर इंजन सीज हो सकता है। इसके अलावा फ्लेक्स-फ्यूल ईंधन वाली गाड़ियों को हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में भी लाया जा रहा है, जिसे एथनॉल से चलाने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में भी चलाया जा सकता है।

कैसे काम करता है फ्लेक्स फ्यूल वाला इंजन?

फ्लेक्स फ्यूल वाली कार का इंजन फ्यूल मिक्स सेंसर और इंजन कंट्रोल मॉड्यूल का साथ आता है, जिसमें गैसोलीन और इथेनॉल के किसी भी मिश्रण के साथ काम करने की क्षमता होती है। इसके बाद फ्यूल पंप और फ्यूल इंजेक्शन की मदद से इथेनॉल के हाई ऑक्सीजन सामग्री के लिए इंजन नियंत्रण मॉड्यूल (ECM) को भी कैलिब्रेट किया जाता है।

किस एथनॉल ब्लेन्ड का होता है सबसे ज्यादा इस्तेमाल?

वैसे तो गैसोलीन और एथनॉल के बहुत से अलग-अलग मिश्रणों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल E85 फ्लैक्स फ्यूल का होता है। इसमें 85 प्रतिशत तक इथेनॉल मिला होता है, जबकि बाकी मिश्रण गैसोलीन का होता है।

वहीं, भारत में वर्तमान समय में 8.5 प्रतिशत तक एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाता है। हालांकि, सरकार इसे बढ़ाकर 20 फीसदी इथेनॉल ब्‍लेंडिंग के अपने प्लान पर काम कर रही है, जिसे 2025 तक हासिल करने का लक्ष्य है।

क्या ग्राहकों को मिलेगा फायदा?

सबसे बड़ा सवाल है कि इस मिश्रण से ग्राहकों को कितना फायदा मिलने वाला है? तो आपको बता दें कि इसके इस्तेमाल से 30 से 35 रुपये प्रति लीटर तक की बचत की जा सकेगी। भारत में पेट्रोल 97 रुपये से लेकर 100 रुपये प्रति लीटर की दर से बेची जाती है, जबकि इथेनॉल ईंधन करीब 60 से 65 रुपये प्रति लीटर की दर से आता है। साथ ही इससे निकलने वाला धुआं पर्यावरण के लिए भी कम हानिकारक होता है।

 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by