नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) देश में चीनी उत्पादन विपणन सत्र 2022-23 में 3.65 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन की तुलना में दो प्रतिशत अधिक है। उद्योग संगठन इस्मा ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दुनिया में चीनी के प्रमुख उत्पादक देश, भारत में विपणन सत्र 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी उत्पादन 3.58 करोड़ टन रहा।
एथनॉल के लिए अधिक शीरे का उपयोग किये जाने के बावजूद इस्मा को चालू सत्र में लगभग 90 लाख टन चीनी निर्यात होने की उम्मीद है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने पहला अनुमान जारी करते हुए कहा, ‘‘गन्ने के शीरे और बी-शीरा को एथनॉल में बदलने के कारण चीनी उत्पादन में 45 लाख टन की कमी को ध्यान में रखते हुए इस्मा ने वर्ष 2022 - 23 में करीब 3.65 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है।’’
इसने कहा है कि वर्ष 2022-23 सत्र के दौरान चीनी का उत्पादन उत्तर प्रदेश में 1.23 करोड़ टन, महाराष्ट्र में 1.5 करोड़ टन और कर्नाटक में 70 लाख टन होने का अनुमान है।
पेट्रोल में चूंकि 12 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है, इसलिए मौजूदा सत्र में एथनॉल के उत्पादन के लिए चीनी का उपयोग 32 प्रतिशत बढ़कर 45 लाख टन होने का अनुमान है, जो वर्ष 2021-22 सत्र के दौरान 34 लाख टन था।
इस्मा ने कहा कि चालू सत्र के दौरान कुल लगभग 545 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता होगी और उसकी आपूर्ति की जाएगी।
निर्यात के बारे में, उद्योग संगठन ने कहा कि इस साल भारतीय चीनी के निर्यात के लिए समय सीमा काफी कम प्रतीत होती है क्योंकि ब्राजील की चीनी मई 2023 तक वैश्विक बाजार में आ जाएगी।
इसके अलावा, अधिकतर चीनी मिलें चालू सत्र में निर्यात के के मकसद से पहले ही चीनी के लिए अनुबंध कर चुकी हैं। इसलिए, सरकार द्वारा चीनी निर्यात नीति की शीघ्र घोषणा करना अत्यधिक सराहनीय होगा।
दक्षिणी क्षेत्र में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है और अन्य क्षेत्रों में भी जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। इसलिए, कुछ महीनों के बाद एक बेहतर तस्वीर सामने आएगी जब पैदावार और चीनी की प्राप्ति की मात्रा की वास्तविक स्थिति का आंकड़ा उपलब्ध होगा।