गन्ना विभाग अब गन्ना किसानों को मौसम के हिसाब से खेती करने की जानकारी देगा ताकि चीनी मिलें मौसम के रिकार्ड के आधार पर क्षेत्र में गन्ना एवं चीनी उत्पादन का पूर्वानुमान लगा सकें। इसके लिए गन्ना विभाग द्वारा गन्ना विकास परिषदों में मौसम का रिकार्ड भी सुरक्षित रखा जाएगा। विभाग का मानना है कि गन्ने के उत्पादन एवं रिकवरी पर जलवायु तथा मौसम का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ने के कारण विभाग को गन्ना एवं चीनी उत्पादन के पूर्वानुमान में कठिनाई होती है।
गन्ने के उत्पादन एवं रिकवरी आदि पर जलवायु एवं मौसम की दशाओं का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है, अर्थात प्रतिकूल मौसम की स्थिति में गन्ने के उत्पादन एवं चीनी के परता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वर्तमान में मौसम का कोई अपना डाटा स्त्रोत विभाग के पास उपलब्ध नहीं है जबकि मौसम परिवर्तनों के कारण उत्पादन में साइक्लिक उतार चढ़ाव से चीनी का उत्पादन प्रभावित होता है और गन्ना तथा चीनी उत्पादन के पूर्वानुमान बनाने में भी कठिनाई होती है। इन सभी समस्याओं के निदान के लिए यदि गन्ना विकास परिषदों के स्तर पर मौसम की दैनिक रिकार्डिंग कर उसका लॉग अनुरक्षित रखा जाय तो मौसम के आधार पर संबंधित चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना एवं चीनी उत्पादन के सही पूर्वानुमान लगाकर गन्ना उत्पादन संबंधी कार्यक्रमों में आवश्यकतानुसार संशोधन किये जा सकते है। गन्ना आयुक्त ने दिए निर्देश
जिला गन्ना अधिकारी कृष्ण मोहन मणि त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में प्रदेश के आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर भूसरेडडी ने प्रदेश के सभी उप गन्ना आयुक्त एवं जिला गन्ना अधिकारियों को गन्ना विकास परिषदों में दैनिक मौसम का रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिये हैं। अब सभी गन्ना विकास परिषदों के स्तर पर मौसम की दैनिक रिकार्डिंग कर उसका लॉग
अनुरक्षित रखा जाएगा, जिससे आवश्यकतानुसार मौसम के आंकड़ों का उपयोगकर विभागीय कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके।
परिषदों में लंगेगे ये यंत्र
प्रत्येक गन्ना विकास परिषद में उपयुक्त स्थल का चयन कर यहां दैनिक वर्षा के लिए रेनगेज, दैनिक तापमान के लिए मिनिमम-मैक्सिमम थर्मामीटर तथा दैनिक हयूमिनिटी रिकार्डिंग के लिए ड्राई एंड वेट बल्व थर्मामीटर लगाकर वर्षा, तापमान तथा अता की दैनिक रिकार्डिंग कराते हुए इनका लाग अनुरक्षित किया जाएगा।