पानीपत। गांव डाहर स्थित नई शुगर मिल में अब तक 30 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है। अब इस रस से रॉ-शुगर बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बनने के बाद इस रॉ-शुगर को रिफाइंड किया जाएगा। इसके बाद सफेद रंग की शक्कर तैयार होगी। बता दें कि रॉ-शुगर गन्ने से रस से बनी बिना केमिकल की चीनी होती है, जिसका रंग भूरा होता है। इसे सुखाने और रिफाइंडर करने के बाद इसका रंग बदलता है। दूसरी ओर मिल प्रबंधन की ओर से गन्ना उत्पादक किसानों से लगातार गन्ने की डिमांग की जा रही है।
दूसरी तरफ पुुरानी शु्गर मिल भी चालू है। अनुमान है कि तीन हफ्तों में दोनों मिल जिले के गन्ना स्टॉक खत्म कर देंगी। इसके बाद पहले पुरानी मिल बंद की जाएगी और फिर नई मिल। बता दें कि मिल प्रबंधन की ओर से वीरवार को मास्टर ट्रायल पूरा करने के बाद नई मिल को लगातार चालू रखा जा रहा है। फिलहाल नई मिल को स्लो स्पीड में चलाया जा रहा है। सब कुछ ठीक ठाक रहने पर इसे पूरी गति के साथ चलाया जाएगा। वहीं, मिल की टर्बाइन से बिजली बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
28 मेगावाट होगा बिजली उत्पादन शुगर मिल एमडी नवदीप सिंह ने बताया कि मिल में नई टर्बाइन से 28 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। फिलहाल प्लांट को करीब पांच मेगावाट बिजली की जरूरत है। स्टीम से ट्रायल के बाद टरबाइन से जरूरत के मुताबिक बिजली उत्पादन करेंगे। पूरा प्लांट चालू होने पर उन्हें सात मेगावाट बिजली की जरूरत होगी। ऐसे में 21 मेगावाट बिजली वो एचवीपीएनएल को देंगे। 25 मार्च को एचवीपीएनएल के साथ एग्रीमेंट साइन होगा। उसमें प्रति यूनिट दर आदि तय किया जाएगा। सप्लाई 132 केवी सब स्टेशन नौल्था से जोड़ी जाएगी। लाइन खड़ी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि खुद की बिजली पैदा होने से न केवल शुगर मिल की बिजली संबंधित विभाग पर निर्भरता खत्म होगी, बल्कि वह बिजली विभाग को बिजली बेचकर आमदनी को बढ़ा सकेंगे।