जासं, कानपुर : मधुमेह, मोटापा व अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए चीनी नहीं, बल्कि शारीरिक श्रम और संतुलित भोजन की कमी जिम्मेदार है। आज पोषक तत्वों से भरपूर चीनी और गुड़ के विविध उत्पादों पर कार्य करने की जरूरत है ताकि लोग मीठे को स्वीकार करें। हमें जागरूकता फैलानी होगी कि मीठे उत्पादों का सेवन संतुलित जीवनशैली के लिए जरूरी है। ये बातें भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने मंगलवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) के राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी 'मीठा-2022' का आनलाइन उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश में चीनी की वार्षिक खपत 19 किग्रा प्रति व्यक्ति है, जबकि विश्व में औसत खपत 22.5 किग्रा प्रति व्यक्ति होती है। सबसे ज्यादा 56 किग्रा खपत ब्राजील में है। संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि फोर्टिफाइड शुगर और गुड़ की उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निराकरण के साथ इन उत्पादों के प्रति रुझान बढ़े। प्रदर्शनी का उद्घाटन मेसर्स बजाज हिदुस्तान शुगर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आलोक वैश्य ने किया। प्रदर्शनी में नामी कंपनियों ने चीनी व गुड़ से संबंधित रिफाइंड, डेमरारा, लो जीआइ, ब्राउन शुगर, ब्रेकफास्ट, क्यूब, कैंडी, लिक्विड, आइसिग शुगर, कुकीज, केक के स्टाल लगाए। श्रम करने वाले को 400 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की जरूरत
स एसजेएमयू के लाइफ साइंस विभाग की शिक्षिका डा. सीमा जायसवाल ने बताया कि चीनी तत्काल ऊर्जा देने का स्त्रोत है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक घरों में रहने वाले स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 200 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की जरूरत है, जिसमें 30 ग्राम चीनी से मिलनी चाहिए। शारीरिक श्रम करने वाले के लिए 300 से 400 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की जरूरत है, जिसमें 70 ग्राम चीनी से मिलनी चाहिए। गुरुग्राम स्थित मधुमेह व उच्च रक्तचाप केंद्र के निदेशक डा. नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि हृदय संबंधी समस्या, मोटापा दूर करने के लिए शारीरिक श्रम व कसरत करनी चाहिए। पंच अमृत में चीनी भी है शामिल
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन की निदेशक (लीगल) भारती बालाजी ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए बताए गए पंच अमृत तत्वों में चीनी शामिल है। जीभ के लिए निर्धारित पांच स्वादों में मिठास भी है। बढ़ता शहरीकरण, गतिहीन जीवनशैली, असंतुलित भोजन, तंबाकू का सेवन ही विभिन्न रोगों के लिए जिम्मेदार है। रेलवे के पूर्व मुख्य निदेशक डा. रवि शंकर ने बताया कि चीनी के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है।