में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 20% अधिक रहा. उद्योग मंडल इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने यह जानकारी दी है. उसने कहा है कि महाराष्ट्र के चीनी उत्पादन में पिछले साल फरवरी के मुकाबले 67% की छलांग के कारण चीनी उत्पादन में वृद्धि हुई है. इस्मा ने कहा कि पिछले साल 29 फरवरी तक 70 चीनी मिलों ने अपने पेराई कार्य को बंद कर दिया था. देश की इन 502 चीनी मिलों ने मिलकर 28 फरवरी, 2021 तक 233.77 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था, जबकि पिछले सीजन में यह 29 फरवरी, 2020 तक 453 मिलों द्वारा 194.82 लाख टन चीनी उत्पादन किया गया था. महाराष्ट्र में, 28 फरवरी 2021 तक चीनी का उत्पादन 84.85 लाख टन था, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 50.70 लाख टन उत्पादन हुआ था. वर्तमान 2020-21 शुगर सीजन में, संचालित 188 चीनी मिलों में से 12 चीनी मिलों ने अपने क्षेत्र में गन्ने न मिलने से अपनी पेराई समाप्त कर दी है, जिनमें से अधिकांश सोलापुर क्षेत्र में हैं. पिछले साल इसी अवधि में, 25 चीनी मिलों ने सीजन 2019-20 के लिए अपने परिचालन को समाप्त कर दिया था, लेकिन पिछले साल संचालित 145 मिलों में से यह एक था. यूपी में फिलहाल 109 चीनी मिलें चालू हैं, जबकि 11 मिलों ने अपने पेराई कार्यों को रोक दिया है, जिनमें से अधिकांश पूर्वी उत्तर प्रदेश की इन मिलों ने 2 फरवरी 2019 तक लाख 74.20 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि 26 फरवरी, 2010 को 119 मिलों द्वारा 76.86 लाख टन का उत्पादन किया गया. देश में यूपी चीनी उत्पादन में सबसे आगे है जबकि महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है.