चीनी वर्ष 2015-16 में भले ही उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 23 लाख टन कम होने का अनुमान हो लेकिन अबतक देशभर में जिस रफ्तार से चीनी का उत्पादन हो रहा है उसे देखते हुए लगता है कि उत्पादन अनुमान से ज्यादा होगा। देश की चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानि इस्मा के मुताबिक अक्टूबर से शुरू हुए चीनी वर्ष 2015-16 में जनवरी अंत तक 142.53 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। पिछले साल इस दौरान चीनी का उत्पादन 136.30 लाख टन दर्ज किया गया था। यानि पिछले साल के मुकाबले इस साल चीनी का उत्पादन 6.23 लाख टन आगे चल रहा है।
हालांकि चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ कई राज्यों में चीनी मिलों ने पेराई का काम समेटना शुरू कर दिया है। इस्मा के मुताबिक सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में 13 चीनी मिलों, दूसरे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में एक और कर्नाटक में एक चीनी मिल ने पेराई का काम समेट दिया है।
महाराष्ट्र में इस सीजन में 117 मिलों ने पेराई का काम शुरू किया था जिनमें से 13 मिलों ने काम बंद भी कर दिया है, महाराष्ट्र में 31 जनवरी तक 54.42 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, पिछले साल इस दौरान महाराष्ट्र में 54.37 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश में सीजन में अबतक 117 मिलों ने काम शुरू किया था जिनमें से एक मिल बंद हो चुकी है और अब 116 मिलों में पेराई का काम चल रहा है, राज्य में 31 जनवरी तक चीनी का उत्पादन 36.15 लाख टन दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल इस दौरान उत्तर प्रदेश में 33.75 लाख टन चीनी का उत्पादन हो पाया था।
चीनी के तीसरे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक में 64 मिलों में पेराई शुरू हुई थी और उनमें से एक मिल बंद हो चुकी है, राज्य में 31 जनवरी तक 26.89 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस दौरान 23.13 लाख टन का उत्पादन हो पाया था।
इन राज्यों के अलावा 31 जनवरी तक गुजरात में 6.90 लाख टन, तमिलनाडु में 2.30 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 4.26 लाख टन, बिहार में 3.05 लाख टन, उत्तराखंड में 1.43 लाख टन, पंजाब में 2.60 लाख टन, हरियाणा में 2.40 लाख टन और मध्य प्रदेश में 1.90 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने इस साल देशभर में चीनी का उत्पादन करीब 23 लाख टन घटकर 260 लाख टन होने का अनुमान लगाया है।