चीनी की मात्रा ऐसे समय में बढ़ी है जब इसकी कीमतों में सुधार देखा जा रहा है। पिछले एक साल यानी 1 जनवरी 2015 से 20 जनवरी 2016 तक चीनी की थोक कीमतें 200-400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को भुगतान होने वाली गन्ने की कीमत 280 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर अपरिवर्तित रखी है। सिंभावली शुगर्स के निदेशक संजय तापडिय़ा कहते हैं, 'गन्ने की किस्में बदलने के लिए चीनी मिलों और किसानों ने मिलकर काम किया है। अधिक उत्पादन और चीनी अधिक प्राप्त होने से दोनों को फायदा हुआ है। संतुलित वर्षा से भी गन्ने की फसल को मदद मिली है।' रिकवरी 0.5 से 0.7 प्रतिशत अधिक होने से चीनी से प्राप्त होने वाला राजस्व 5-6 प्रतिशत बढ़ सकता है। इनमें से ज्यादातर कंपनियों के शुद्ध मुनाफे का हिस्सा बनेगा। अधिकारियों ने कहा कि 2015-16 सत्र में उत्तर प्रदेश में 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की सीओ-0238 किस्म लगाई गई है। यह आंकड़ा 2014-15 के मुकाबले 55-56 प्रतिशत अधिक है।