•  
  • Welcome Guest!
  • |
  • Members Log In Close Panel
  •  
Home
 
  • Home
  • About us
  • Ethanol
  • Cogeneration
  • Environmental
  • Statistics
  • Distillery
  • Sugar Price
  • Sugar Process
  • Contact us

News


कच्ची चीनी में फायदा नहीं होने से सफेद का निर्यात
Date: 05 Jan 2016
Source: The Business Standard
Reporter: बीएस संवाददाता
News ID: 5117
Pdf:
Nlink:
कच्ची चीनी के निर्यात में कोई फायदा नहीं होने से मिलों ने अचानक सफेद चीनी का निर्यात शुरू कर दिया है। इस साल चीनी की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद गन्ने की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, इसलिए कच्ची चीनी का निर्यात करना घाटे का सौदा है। रोचक बात यह है कि घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों से चीनी निर्यातकों का उत्साह ठंडा पड़ा है। घरेलू बाजारों में चीनी की कीमतें 15 फीसदी बढ़ी हैं, लेकिन वैश्विक बाजारों में अति आपूर्ति के कारण कीमतों में महज 2 फीसदी इजाफा हुआ है। घरेलू बाजार में शुगर एम का भाव बढ़कर 3,106 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस क्षेत्र की शीर्ष संस्था भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने आज एक बयान में कहा, 'भारत में गन्ने की ऊंची लागत और कम वैश्विक कीमतों के कारण भारत में चीनी मिलों ने कच्ची चीनी का बहुत कम मात्रा में उत्पादन किया है और वे मुख्य रूप से सफेद चीनी का निर्यात कर रही  हैं।'
 
उद्योग के सूत्रों के मुताबिक चीनी मिलों ने अभी तक करीब 8 लाख टन के निर्यात अनुबंध किए हैं और भौतिक रूप से करीब 3 लाख टन का निर्यात कर चुकी हैं। सरकार ने चालू पेराई सीजन (अक्टूबर 2015 से सितंबर 2016) के लिए 40 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय किया है। हालांकि घरेलू बाजार में चीनी की एक्स-मिल कीमतें पिछले एक पखवाड़े में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल सुधरी हैं। लेकिन पिछले तीन महीनों यानी अक्टूबर से दिसंबर 2015 के दौरान पूरे देश में चीनी की औसत एक्स-मिल कीमत करीब 2,700 से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल रही है। हालांकि वर्तमान औसत कीमत देशभर में चीनी की औसत उत्पादन लागत से 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल कम है। 
 

चालू सीजन में अब तक चीनी मिलों का उत्पादन 6.5 फीसदी बढ़कर 79.9 लाख टन रहा है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 75.9 लाख टन था। इस साल महाराष्ट्र में औसत चीनी रिकवरी घटकर 10.36 फीसदी रही है, जो पिछले साल 10.44 फीसदी थी। इसकी वजह राज्य के सूखाग्रस्त इलाकों में गन्ने में कम शर्करा बनना है। फिर भी इस साल अब तक महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन बढ़कर 33.7 लाख टन रहा है, जबकि पिछले साल इस समय तक 32.6 लाख टन उत्पादन हुआ था।               

 
  

Navigation

  • TV Interviews
  • Application Form For Associate Membership
  • Terms & Conditions (Associate Member)
  • ISMA President
  • Org. Structure
  • Associate Members(Regional Association)
  • Who Could be Member?
  • ISMA Committee
  • Past Presidents
  • New Developments
  • Publications
  • Acts & Orders
  • Landmark Cases
  • Forthcoming Events




Indian Sugar Mills Association (ISMA) © 2010 Privacy policy
Legal Terms & Disclaimer
 Maintained by