इस साल बंपर उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारत की चीनी मिलों ने चालू पेराई सीजन के शुरुआती दो महीनों में 24 फीसदी अधिक उत्पादन दर्ज किया है। उद्योग की सर्वोच्च संस्था इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के आंकड़े दर्शाते हैं कि 30 नवंबर तक भारत का चीनी उत्पादन 23.6 लाख टन रहेगा जबकि पिछले साल की समान अवधि में 18.9 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। इस्मा ने इस सीजन में भारत का चीनी उत्पादन 2.7 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है जबकि पिछले वर्ष 2.83 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था। अधिक चीनी उत्पादन की एक प्रमुख वजह यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक संख्या में चीनी मिलें पेराई कर रही हैं। इस्मा ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर के दौरान 351 चीनी मिलों ने इस साल पेराई शुरू कर दी है जबकि पिछले साल 343 मिलें पेराई कर रही थीं। महाराष्टï्र में ज्यादातर चीनी मिलों ने पेराई का काम शुरू कर दिया है। स्पष्टï रूप से इस साल नवंबर के आखिर में 158 चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई शुरू कर दी जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 155 मिलें पेराई कर रही थीं। उन्होंने कुल 12.9 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है जबकि पिछले साल 11.9 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। चीनी उत्पादन की मात्रा में हल्की तेजी की एक वजह यह है कि अधिक संख्या में चीनी मिलों ने पेराई की है। उत्तर प्रदेश के मामले में 66 चीनी मिलें 30 नवंबर, 2015 तक पेराई कर रही थीं जिन्होंने 30 नवंबर तक 1,80,000 टन चीनी का उत्पादन किया है। नवंबर, 2014 के आखिर 65 परिचालन चीनी मिलों ने 10 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जो इस साल के आंकड़ों के मुकाबले थोड़ा कम है। उत्तर प्रदेश में पेराई का सीजन अभी शुरू ही हुआ है।