वैश्विक कीमत में गिरावट के कारण भारतीय चीनी मिलें नहीं कर रही निर्यात अनुबंध
नई दिल्ली, 02 दिसंबर (हि.स.)। चालू विपणन वर्ष 2021-22 में 30 नवंबर तक पहले दो महीनों में देशभर में चीनी का उत्पादन 47.21 लाख टन तक पहुंच गया है, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि में यह 43.02 लाख टन था। पश्चिमी भारत में गन्ने की पेराई जल्द शुरू होने से अब तक का उत्पादन ज्यादा है। वहीं, 30 नवंबर, 2021 तक देश में 416 चीनी मिलों में पेराई चल रही है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 409 चीनी मिलों में उत्पादन हो रहा था। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
इस्मा ने जारी एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन इस साल नवंबर तक बढ़कर 20.34 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 15.79 लाख टन था। वहीं, उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले के 12.65 लाख टन के मुकाबले 10.39 लाख टन यानी कम रहा, जबकि कर्नाटक में, उत्पादन बढ़कर 12.76 लाख टन हो गया, जो पहले 11.11 लाख टन था। गौरतलब है कि चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।
इस्मा ने कहा कि अन्य सभी राज्यों में भी पेराई का काम शुरू हो गया है, जो तेजी से चल रहा है। उद्योग निकाय ने कहा कि एथेनॉल निर्माताओं ने एथेनॉल वर्ष 2021-22 (दिसंबर-नवंबर) के लिए हाल ही में खोली गई बोलियों में 414 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति तेल विपणन कंपनियों को करने की पेशकश की हैं। इस्मा ने यह भी बताया कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने 142 करोड़ लीटर एथेनॉल के एक दूसरा अभिरुचि पत्र जारी किया है, जिसके लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि 3 दिसंबर, 2021 तक है।
इस्मा ने कहा जारी एक बयान में कहा कि कच्ची चीनी के वैश्विक कीमतों में 20 सेंट से नीचे करीब 18.6 सेंट प्रति पाउंड रहने से भारतीय चीनी मिलें आगे के निर्यात अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए आगे नहीं आ रही हैं। चीनी के 35 लाख टन के निर्यात की खेप के लिए किए गए अधिकतर निर्यात अनुबंध महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों ने किए हैं। इस्मा ने कहा कि देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों की तुलना में उत्तर भारत में चीनी की एक्स-मिल कीमतें थोड़ी अधिक है। इसलिए उत्तरी क्षेत्र से कई निर्यात अनुबंध नहीं हो पाया है।