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सत्र में गन्ने का बकाया 21,000 करोड़ रुपये
Date: 21 Jul 2021
Source: Business Standard
Reporter: संजीव मुखर्जी
News ID: 49958
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किसानों का गन्ने का बकाया मई, 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक करीब 21,321 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें से 18,820 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि का भुगतान मई, 2021 तक नहीं हो पाया, जो सितंबर, 2021 में समाप्त होने जा रहे चालू सत्र में आपूर्ति किए गए गन्ने का बकाया है। वहीं 2,501 करोड़ रुपये बकाया पहले के वर्षों का है। 

 

2020-21 में गन्ने के कुल बकाये में से करीब 63 प्रतिशत उत्तर प्रदेश के किसानों का है, जहां चुनाव होने जा रहे हैं। शेष बकाया महाराष्ट्र व अन्य राज्यों के किसानों का मिलाकर है। 

 

उत्तर प्रदेश के किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान अगर तेजी से नहीं होता है तो इसका असर सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पड़ सकता है, क्योंकि राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में गन्ना और गन्ने पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले इलाकों में 86 से 90 विधान सभा क्षेत्र आते हैं। 

 

सबसे अहम है कि गन्ना इलाके की ज्यादातर विधानसभाएं राज्य के पश्चिमी इलाकों में हैं, जहां केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ 6 महीने से ज्यादा समय से लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। 

 

कुछ दिन पहले किसानों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल राजधानी लखनऊ पहुंचा था और गन्ने के बकाये के भुगतान की मांग के साथ अन्य मसलों को रखा गया था। खबरों के मुताबिक किसानों ने राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने डेरा डाल दिया था और उन्होंने बकाये के भुगतान की मांग की थी। 

 

कारोबारियों व उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि गन्ने का बकाया बहुतज्यादा होने की एक वजह रिकॉर्ड निर्यात और चीनी का ज्यादा मात्रा में एथनॉल के लिए इस्तेमाल है, जबकि पिछले 2 साल से ज्यादा समय से चीनी की मिल की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि औसतन चीनी कंपनी अभी भी 85 प्रतिशत से सालाना आमदनी चीनी की बिक्री से करती है। 

 

चीनी के एमएसपी में अंतिम बार बदलाव फरवरी, 2019 में किया गया था और उसके बाद से गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ा, लेकिन चीनी का एमएसपी नहीं बढ़ा। इस समय चीनी का एमएसपी 31 रुपये किलो है, और नीति आयोग सहित विशेषज्ञों की कई समितियों की सिफारिशों के बावजूद एमएसपी में बढ़ोतरी नहीं की गई। 

 

सूत्रों ने कहा कि चीनी उद्योग ने सरकार से कहा है कि एमएसपी कम से कम 3 रुपये बढ़ाकर 34 रुपये किलो किया जाना चाहिए, जिससे कार्यशील पूंजी में सुधार हो सके और इससे गन्ने का बकाया निपटाने में मदद मिलेगी। 

 

 

 
  

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