दिल्ली सरकार पर प्याज घोटाले के बाद अब चीनी खरीद में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के नेता विवेक गर्ग ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के हवाले से दिल्ली सरकार पर बाजार भाव से अधिक कीमतों पर चीनी खरीदने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार ने चीनी कंपनियों से जिस भाव पर चीनी की खरीद की है, उतना भाव न तो चीनी मिलों में था और न ही दिल्ली के थोक या खुदरा बाजार में था। गर्ग की शिकायत पर दिल्ली भ्रष्टïाचार निरोधक शाखा ने चीनी घोटाले के आरोप की जांच करने के आदेश दे दिए हैं। गर्ग ने कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने 10 फरवरी से अब तक 101000 क्विंटल चीनी खरीदी। इनमें से 15,000 क्विंटल चीनी सैनिक फूड प्रा. लि. से 3,390 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर और 86,000 क्विंटल चीनी डॉक्टर फ्रोजन फूड इंडिया प्रा. लि. से 3,087 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदी गई। इसके लिए चीनी आपूर्तिकर्ताओं को 32.99 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। गर्ग का कहना है कि चीनी मिलों और सरकारी सहकारी चीनी फेडरेशन से सीधे 2,000-2,200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर चीनी खरीदी जा सकती थी। खुदरा बाजार में भी भाव 3,000 रुपये प्रति क्विंटल हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि थोक में चीनी 2,000 से 2,200 रुपये में उपलब्ध होने के बावजूद सरकार ने 3,087 और 3,390 रुपये क्विंटल चीनी क्यों खरीदी? गर्ग ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि जब एक कंपनी 3,087 रुपये में चीनी दे रही थी, तब दूसरी कंपनी से 3,390 रुपये क्विंटल के भावचीनी खरीदने की जरूरत क्या थी? नेफेड के निदेशक अशोक ठाकुर कहते हैं कि सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में निविदा निकालने पर चीनी की खरीद अधिकतम 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर होनी चाहिए थी। चीनी कारोबारी सुधीर भालोटिया ने बताया कि इस समय दिल्ली में चीनी की कीमत 2,900 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल है। दो माह में भाव 15 से 20 फीसदी बढ़ चुके हैं। लेकिन फरवरी से अब तक थोक भाव 3,400 रुपये क्विंटल तक कभी नहीं गए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक फरवरी से अब तक दिल्ली में चीनी की औसत थोक कीमत 2,723.55 रुपये प्रति क्विंटल रही। फरवरी में औसत थोक भाव करीब 2,975 रुपये, मार्च में 2,796 रुपये, अप्रैल में 2,764 रुपये, मई में 2,750 रुपये, जून में 2,660 रुपये, जुलाई में 2,519 रुपये, अगस्त में 2,637 रुपये, सितंबर में 2,703 रुपये और अक्टूबर में अब तक 2,811 रुपये प्रति क्विंटल रहे। आपूर्ति निगम ने महंगी दर पर चीनी खरीदने के आरोप को बेबुनियाद बताया है। उसका कहना है कि उसने ई-निविदा के जरिये निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए कम भाव पर चीनी देनी वाली दो कंपनियों से इसकी खरीद की है।