नई दिल्ली। कथित प्याज घोटाले के बाद अब दिल्ली सरकार पर कथित चीनी घोटाले का आरोप लग रहा है। खास बात यह है कि आरोप लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग हैं। विवेक ने चीनी घोटाले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को भेज जांच की मांग की है। चीनी खरीद में घोटाले की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने केजरीवाल को नोटिस जारी कर दिया है।
एसीबी चीफ मुकेश मीणा ने कहा है कि शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है। बता दें कि सरकार की ओर से एसीबी चीफ की नियुक्ति को लेकर कोर्ट में केस दायर किया गया है, जिसमें यह भी आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कामों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
अब आरटीआई एक्टीविस्ट विवेक ने शिकायत में कहा है कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार ने कुल एक लाख एक हजार क्विंटल चीनी खरीदी। इसमें से चीनी की बड़ी खेप सितंबर और अक्टूबर महीने में खरीदी गई। जिसकी औसतन कीमत करीब 33 करोड़ रुपए थी। इसमें से 15 हज़ार क्विंटल 33.90 रुपए प्रति किलोग्राम और करीबन 86000 क्विंटल 30.87 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदी।
गर्ग ने शिकायत में आरोप लगाया है की जिस वक्त दिल्ली सरकार ने ये चीनी खरीदी उस समय खुदरा बाजार में चीनी की कीमत करीब 30 रुपए प्रति किलोग्राम थी और थोक बाजार में ये कीमत करीब 20 से 22 रुपए प्रति किलोग्राम थी। दिल्ली सरकार ने ये चीनी एनएफएसएफएल या सहकारिता संघ से ना खरीद कर 15 हजार क्विंटल सैनिक फूड प्राइवेट लिमिटेड से 33.90 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी और करीबन 86 हजार क्विंटल डॉक्टर फ्रोजेन फूड इंडिया प्रा. लिमिटेड से 30.87 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी थी, जबकि यही चीनी कोई सरकारी संस्था इससे कम कीमत पर दे सकती थी।हालांकि अभी ये बताना जरूरी है कि ये आरटीआई जवाब के आधार पर महज आरोप और शिकायत है जो आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग ने लगाए हैं। सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन गर्ग अपने आरोपों के जरिए कथित प्याज घोटाले के बाद एक बार फिर दिल्ली सरकार पर आरटीआई से मिले जवाबों के आधार पर कथित चीनी घोटाले को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने एसीबी के मुखिया मुकेश मीणा द्वारा चीनी घोटाले की जांच के लिए आदेश दिए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में चौंकाने वाली बात है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार, जो हमेशा ही पारदर्शिता की बात करती थी, आज घोटालेबाजों की सरकार बन गई है। पहले प्याज घोटाला और उसके बाद दालों की कमी से निपटने में नाकामी ने केजरीवाल के असली चेहरे को सामने ला दिया है। अब चीनी घोटाले की रिपोर्ट ने तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचारों का पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने एसीबी मुखिया से इस जांच को एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरा करने का आग्रह किया है।