अगले महीने से शुरू हो रहे वर्ष 2015-16 में चीनी सीजन में उत्पादन पहले अनुमान 280 लाख टन से दस लाख टन से कम रहने का अनुमान है। इसकी वजह देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्टï्र और कर्नाटक में खराब बारिश है। कीमतों में तेजी आने की उम्मीद कुछ बड़ी चीनी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली। बलरामपुर चीनी का शेयर 11.5 फीसदी चढ़कर 53.45 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। रेणुका शुगर्स 4.6 फीसदी तेज होकर 7.73 के स्तर पर बंद हुआ। देश की सबसे बड़ी मिल कंपनी बजाज हिंदुस्तान का शेयर 3.8 फीसदी चढ़कर 13.58 रुपये पर बंद हुआ जबकि बीएसई सेंसेक्स करीब 1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के मुताबिक वर्ष 2015-16 में महाराष्टï्र से 90 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पूर्वानुमान 97 लाख टन उत्पादन का था। कर्नाटक में 46 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है जबकि अब तक इस साल 50 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान था। हालांकि देश में चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में वर्ष 2015-16 के दौरान अनुमान से बेहतर उत्पादन की उम्मीद है। इस्मा का कहना है कि वर्ष 2015-16 में करीब 75 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है, पूर्वानुमान 73.5 लाख टन रहने की उम्मीद है। पिछले एक साल से देसी बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है। सीजन की शुरुआत में मिलों के पास करीब 96 लाख टन का स्टॉक होगा जो पिछले वर्ष के 75 लाख टन के मुकाबले काफी अधिक है। ऐसे में उत्पादन में महज 10 लाख टन की कमी से गिरती कीमतों पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है क्योंकि गिरावट के बाद भी उत्पादन अनुमानित देसी उपभोग से काफी अधिक ही होगा। देश में हर वर्ष करीब 230-240 लाख टन चीनी का उपभोग होता है। इस्मा के मुताबिक वर्ष 2015-16 में गन्ने का रकबा 52.8 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है जो वर्ष 2014-15 के मुकाबले 0.4 फीसदी कम है। एक बयान में चीनी संघ ने कहा, 'जुलाई और अगस्त के दौरान महाराष्टï्र में हुई खराब बारिश की वजह से प्रति हेक्टेयर उत्पादन में गिरावट आ सकती है। इन महीनों को ही गन्ना उत्पादन के लिहाज से महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए इस्मा ने अपने पूर्वानुमान में संशोधन कर दिया।' वर्ष 2014-15 में महाराष्टï्र में 105 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, ऐसे में मौजूदा अनुमान इसके मुकाबले करीब 14.3 फीसदी कम है। इस्मा ने कहा कि उत्तरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मॉनसून में गड़बड़ी की वजह से कर्नाटक में वर्ष 2015-16 के दौरान चीनी का उत्पादन कम हो सकता है, इसलिए कुल उत्पादन 46 लाख टन रहने की अनुमान है। देश में गन्ने का उत्पादन करने वाला दूसरे सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन पूर्वानुमानों से बेहतर रहने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र की सबसे अधिक मिलें हैं। इस्मा ने कहा, 'चालू वर्ष में की राज्य में भारी बारिश नहीं हुई और ना ही बाढ़ जैसी स्थिति रही और इस तरह फसल पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा। इसके अलावा गन्ने की प्रजातियों में सुधार और बेहतर प्रजातियों की अधिक क्षेत्र में बुआई की वजह से गन्ने का उत्पादन बेहतर होगा।'