नई दिल्ली: सरकार ने चीनी मिलों के लिए चालू विपणन वर्ष (2020-21) में 60 लाख टन चीनी निर्यात पर 3,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. इससे चीनी मिलों के स्टॉक में कमी आएगी. नकदी आने से उन्हें किसानों के गन्ने का के बकाये का भुगतान करने में मदद मिलेगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कैबिनेट के फैसले के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षात में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक हुई. उसमें 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी गई.
सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जाएगी. जावड़ेकर ने कहा कि चीनी उद्योग के साथ गन्ना किसान भी संकट में हैं. देश में चीनी का उत्पादन खपत से अधिक है. इस बार उत्पादन अनुमानित 310 लाख टन रहेगा जबकि घरेलू मांग 260 लाख टन की है. निर्यात से मिलों को स्टॉक कम करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इस फैसले से पांच करोड़ किसान और उनके परिवारों को लाभ होगा. सरकार ने 2019-20 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान एकमुश्त 10,448 रुपये प्रति टन की निर्यात सब्सिडी दी थी. इससे सरकारी खजाने पर 6,268 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चीनी मिलों ने 2019-20 के विपणन सत्र में 60 लाख टन निर्धारित कोटा की तुलना में 57 लाख टन चीनी का निर्यात किया था.