महाराष्ट्र में सूखे ने अपना विकट रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मराठवाड़ा इलाके में पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है। पेयजल की व्यवस्था करने के साथ सरकार कुछ फसलों की बुआई पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। इसके तहत राज्य सरकार ने गन्ने की खेती पर रोक लगाने का मन बना रही है। सरकार मानती है कि इससे राज्य, किसान और चीनी मिलों को भी फायदा होगा क्योंकि देश में इस समय चीनी का अतिरिक्त स्टॉक है और चीनी कंपनियां कर्ज के बोझ के तले दबी हैं। राज्य के कृषि मंत्री एकनाथ खडसे के मुताबिक पिछले 10 वर्षों से राज्य सूखे की मार झेल रहा है, इसकी एक वजह गन्ने की खेती को भी माना जा रहा है। इसीलिए राज्य में गन्ने की खेती पर रोक लगाना जरूरी हो गया है। गन्ने की खेती पर पाबंदी से राज्य में चीनी की कमी के सवाल पर खडसे का कहना है कि हमारे पास चीनी का अतिरिक्त भंडार है। घरेलू और वैश्विक बाजार में चीनी के दाम कम हैं, ऐसे में चीनी की कोई कमी नहीं होगी।