नई दिल्ली, प्रेट्र। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले एक मंत्रिसमूह (जीओएम) ने बुधवार को चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) दो रुपये बढ़ाकर 33 रुपये प्रति किलोग्राम करने की सिफारिश की। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मिलें अपने लगभग 20,000 करोड़ रुपये के लंबित गन्ना बकाया का जल्द से जल्द भुगतान कर सकें। बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, खाद्य मंत्री राम विलास पासवान, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रीसमूह ने चीनी मिलों द्वारा भुगतान किए जाने वाले लंबित गन्ने के बकाया राशि का जायजा लिया, जो चालू 2019-20 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक लगभग 20,000 करोड़ रुपये है। बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि चीनी मिलें जल्द से जल्द कैसे इस बकाये का भुगतान सुनिश्चित कर सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिसमूह ने खाद्य मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह नीति आयोग की अनुशंसा के अनुसार चीनी का एमएसपी बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ एक कैबिनेट नोट लाए। उसने कहा कि यदि चीनी के एमएसपी में वृद्धि से किसानों के गन्ना राशि बकाये को कम करने में मदद नहीं मिलती है, तो सरकार अन्य विकल्पों पर विचार करेगी। गन्ने और चीनी उद्योग पर नीति आयोग द्वारा गठित एक टास्क फोर्स ने चीनी के एमएसपी में एकमुश्त दो रुपये प्रति किलो की वृद्धि करने की सिफारिश की थी।
सरकरी आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी मिलों ने किसानों से लगभग 72,000 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है। उसमें से लगभग 20,000 करोड़ रुपये किसानों को भुगतान किया जाना अभी बाकी है।