नई दिल्ली। गन्ना खेती का रकबा और मानसून की अच्छी बारिश से आगामी गन्ना वर्ष 2020-21 के दौरान चीनी के साथ एथनाल उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने एथनाल उत्पादन और आपूर्ति का लक्ष्य 300 से 350 करोड़ लीटर निर्धारित किया है। इसी के साथ पेट्रोल में 7.5 से 8 फीसद एथनाल मिश्रण का स्तर हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है।
राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 के अनुसार वर्ष 2022 तक पेट्रोल में एथनाल मिश्रण 10 फीसद और 2030 तक 20 फीसद का लक्ष्य रखा गया है। चीनी मिलों ने चालू पेराई सीजन में 170 करोड़ लीटर एथनाल की आपूर्ति का अनुबंध किया, जो पिछले साल के मुकाबले कम है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार इसमें से अब तक केवल 92.5 करोड़ लीटर की आपूर्ति की गयी है।
तेल कंपनियां राष्ट्रीय स्तर पर पांच फीसद से अधिक एथनाल मिश्रण में सफल रही हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश, हरियाण, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार और कर्नाटक समेत कुछ राज्यों में पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण 8.5 से 9.8 फीसद तक है। अनुबंध के तहत 23 करोड़ लीटर एथनाल 30 नवंबर 2020 तक सप्लाई किया जाएगा। इस्मा का कहना है कि चीनी उत्पादन के मुकाबले एथनाल उत्पादन में मिलों को ज्यादा फायदा होगा।
एथनाल का निर्धारित मूल्य चीनी के बाजार मूल्य के मुकाबले ज्यादा लाभकारी है। इस्मा ने कहा कि चालू पेराई वर्ष में एथनाल की आपूर्ति कम होने का कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत दक्षिण के कुछ राज्यों में सूखा पड़ना है। इन राज्यों में गन्ने की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई थी, जिसके चलते चीनी के उत्पादन पर भी असर पड़ा है।