जिंस डेरिवेटिव्स बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने कृषि जिंसों में शाम के सत्र में कारोबार का समय 2 घंटे कम कर दिया है। वहीं कम तरलता की वजह से शाम के सत्र में चार अनुबंधों का कारोबार बंद किया गया है। इससे कृषि जिंसों में शाम के सत्र का कारोबार आमदिनों में रात 9 बजे तक होगा, जो पहले रात 11 बजे तक होता था। वहीं यूएस डे लाइट सेविंग पीरियड में यह 9.30 बजे तक होगा, जो पहले रात 11.35 तक था। नियामक ने सभी चालू एक्सचेंजों यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स), नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) को कहा है, 'एक्सचेंजों से मिले फीडबैक के आधार पर यह महसूस किया गया कि कारोबारी समय को घटाने पर भी शाम के कारोबार को मंजूरी देने का मकसद पूरा हो सकता है।' इस तरह सोया तेल, सोया खली, कच्चे पाम तेल, कपास और चीनी जैसी जिंसों में कारोबार की मंजूरी होगी। लेकिन कारोबारी रुचि बहुत कम होने के कारण चार जिंसों आरबीडी पामोलिन, बिनौले, मक्का और बिनौला खली में शाम का कारोबार बंद कर दिया गया है। एफएमसी का यह परिपत्र 13 जुलाई से प्रभावी होगा। नियामक ने एक्सचेंजों को 20 जुलाई तक अनुपालना रिपोर्ट सौंपने को कहा है। एमसीएक्स पर कच्चा पाम तेल सक्रिय है, यहां तक की शाम के सत्र में भी। अन्य जिंस एनसीडीईएक्स पर तरल हैं। एमसीएक्स के उप प्रबंध निदेशक पी के सिंघल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक समीर शाह ने कहा, 'कारोबार का समय घटाने और शाम के सत्र से कुछ जिंसों को हटाने की कई वजह हैं। जो जिंस हटाई गई हैं, उनका अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कम जुड़ाव है। आमतौर पर हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ कीमत सह-संबंध पर नजर रखते हैं। कारोबार के लिए जिन जिंसों को छोड़ा गया है, उनका अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उन्हीं जिंसों के साथ 80 फीसदी सह-संबंध है। इस वजह से उन्हें बरकरार रखा गया है।' वैश्विक संदर्भ वाली जिंसों की कीमतों का तुरंत असर दिखता है, अगर इनका भारत में कारोबार उपलब्ध है। इस वजह से शाम के कारोबार की जरूरत है। शाह ने कहा, 'कारोबारी घंटों को देर रात तक रखना हाजिर बाजार के कारोबारियों के लिए समस्या है। कारोबारी समय थकाने वाला था। 9 से 9.30 बजे तक कारोबार की सुविधा कारोबारियों को 11 से 11.30 तक जागे बिना अंतरराष्ट्रीय कीमतों से संकेत लेने का पर्याप्त मौका देती है। संभवतया नियामक का यही लक्ष्य है, जो वह हासिल करना चाहता है।' अगर जिंसों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आता है तो इसका असर अगले दिन कीमत में दिखेगा क्योंकि भारत में शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में आज के उतार-चढ़ाव से संकेत नहीं लिया जा सकता, क्योंकि उनका कारोबारी समय रात 3 बजे तक है। हालांकि कारोबारी समय में बदलाव से कारोबारी मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।